मधुबनी. कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष सह प्रदेश प्रतिनिधि प्रो शीतलांबर झा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि मिथिला के पावन भूमि विदेश्वर स्थान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस पर त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन को संबोधित करने के लिए आ रहें है. उनका स्वागत है. यह सरकारी कार्यक्रम है, लेकिन चुनावी वर्ष में जिस तरह से सरकारी संसाधन से त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन को आगामी विधानसभा चुनाव की तरह प्रचार प्रसार कर रहे हैं, वह निंदनीय है. इस कार्यक्रम के लिए कई करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं. पांच सौ एकड़ जमीन में तैयारी की जा रही है. जिसमें सभा स्थल , हेलीपैड एवं पार्किंग किया जायेगा. ये सभी जमीन किसान मजदूरों का है. जिसमें फसल था. इन फसलों को बर्बाद कर दिया गया है. जमीन के मेड़ों को तोड़कर समतल कर दिया गया. किसान लोग चिंतित हैं. उन्हें फसल क्षति मिलने का भरोसा नहीं है. सबसे अधिक परेशानी जमीन के मेड़ को तोड़कर लोगों के खेत को एक कर देने पर इसका सीमांकन फिर किस प्रकार होगा इससे वे चिंतित हैं. प्रो झा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले 2014 के चुनाव में मधुबनी आए थे. कई घोषणा किया गया था. मिथिला का सभी उद्योग बंद है. चीनी मिल आज भी बंद पड़े हैं. लोग रोजगार के लिए पलायन कर रहें है. पर इससे सरकार को कोइ लेना देना नही है. श्री झा ने सरकार से पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री बाढ़ सुखाड़ का स्थायी निदान का आदेश इस बार देंगे, क्या जिला में केंद्रीय विद्यालय, आईआईटी , आई आईएम जैसे संस्था मधुबनी को मिलेगा. क्या गरीबों को रोजगार देने वाली संस्था विश्व प्रसिद्द मधुबनी खादी का दिन बहुरेंगे. क्या रेलवे का विस्तारीकरण होगा, मिथिला के विश्व प्रसिद्द मखान उद्योग का केंद्र मधुबनी में होगा. क्या मधुबनी में केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण होगा. क्या मधुबनी एवं मिथिला का दर्शनीय तीर्थस्थल को केंद्रीय पर्यटक स्थल के रुप में विकसित होगा.
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