मधुबनी.
प्रतिवर्ष मई माह के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस के रूप में मनाया जाता है. लोगों तक अस्थमा से जुड़ी सही जानकारी पहुंचाने व बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व में अस्थमा दिवस का आयोजन किया जाता है. अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जो फेफड़े पर आक्रमण कर श्वसन प्रणाली को प्रभावित करती है. इस अवसर पर मंगलवार को सदर अस्पताल के मेल ओपीडी में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को डॉक्टर ने अस्थमा से बचाव व इलाज के बारे में बताया. विश्व अस्थमा दिवस 2025 की थीम सभी के लिए सांस द्वारा उपचार सुलभ बनाना है. यह थीम आवश्यक अस्थमा दवाओं, जैसे कि सांस द्वारा कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स तक सार्वभौमिक पहुंच को उजागर कर रोके जा सकने वाली रुग्णता और मृत्यु दर को कम करने पर केंद्रित है. यह पहल स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों को साक्ष्य-आधारित सांस द्वारा उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के लिए समान पहुंच देने के लिए प्रोत्साहित करती है.नियमित रूप से दवा का करें सेवन
सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से दवा का सेवन करना चाहिए. अधिकांश अस्थमा के मरीज दवा लेते हैं. नियमित दवा लेने से किसी भी प्रकार की परेशानी उत्पन्न होने की संभावना नहीं के बराबर होती है. सीएस ने कहा कि चिकित्सक ने अगर नियमित दवा खाने के लिए कहा है तो लापरवाही नहीं बरतें और इस पर अमल करें. दवा का एक भी डोज छूटे नहीं, इस बात का ध्यान रखें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है