मधुबनी. कला संस्कृति एवं युवा विभाग व मिथिला ललित संग्रहालय मधुबनी की ओर से स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से 27 अप्रैल से मिथिला लोककला पर आधारित एक कार्यशाला का आयोजन संग्रहालय में किया जा रहा है. यह 3 मई तक चलेगा. कार्यशाला का उद्घाटन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री मोतीलाल प्रसाद ने दीप जलाकर किया. उन्होंने कहा कि कला के क्षेत्र में मिथिला समृद्ध है. मधुबनी पेंटिंग मिथिला की एक प्रसिद्ध कला है. यह अपने जीवंत रंगों और आकृतियों के लिए जानी जाती है. मधुबनी पेंटिंग को भारत के साथ विदेशों में भी सराही जाती है. वहीं, संग्रहालय बिहार के निदेशक रचना पाटिल ने कहा कि यह कला आर्थिक सशक्तीकरण का भी एक माध्यम है. जिससे महिलाएं अपना जीवन यापन कर सकती है. कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्रों एवं कलाकृतियों को भ्रमण के लिए संग्रहालय आने वाले लोगों के अवलोकन के लिये दीर्घाओं में प्रदर्शित किया जाएगा. कार्यशाला के संयोजक व बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा ने कार्यशाला मे भाग लेने वाले सभी कलाकारों का परिचय कराते हुए उनके कार्य की विशेषता से अवगत कराया. स्वागत एवं धन्यवाद ज्ञापन मिथिला ललित संग्रहालय के सहायक संग्रहालयाध्यक्ष डॉ. शंकर सुमन ने किया. कार्यशाला मौके पर पद्मश्री दुलारी देवी, पद्मश्री शांति देवी, पद्मश्री शिवन पासवान, विभा दास, ललिता देवी, हेमा देवी, सुनील कुमार, मनोज मल्लिक, सुभद्रा देवी, संजू देवी, धीरेंद्र कुमार, सुधीरा देवी, राम गोपाल पंडित, रामू पंडित, जगदीश पंडित, गुड्डू कुमार, डॉ. रानी झा, प्रतीक प्रभाकर, संजय कुमार जायसवाल, दिनेश पासवान, राजेश मुखिया, डॉ. विनय कुमार, कला एवं संस्कृति पदाधिकारी नीतीश कुमार सहित कई कलाकार उपस्थित थे.
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