मधुबनी.
जिला विधिक सेवा प्राधिकार प्रभारी सचिव तेज कुमार प्रसाद की अध्यक्षता में बैंक कर्मियों की बैठक गुरुवार को प्राधिकार प्रकोष्ठ में हुई. बैठक में उपस्थित बैंक पदाधिकारियों से 10 मई को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक के अधिक से अधिक मामले भेजने का निर्देश दिया. प्राधिकार सचिव ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से बैंक ऋण संबंधी मामले का पक्षकारों के बीच समझौता के आधार पर निपटारा होता है. इसलिए अधिक से अधिक बैंक ऋण से संबंघित पक्षकारों को समय से नोटिस भेजें. ताकि बैंक ऋण से संबंधित पक्षकार लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने मामले का समझौता कर निपटारा करा सके. प्राधिकार प्रभारी सचिव ने कहा कि बैंक ऋण धारक से लोक अदालत से पहले भी पक्षकार से ऋण संबंघित मामलों पर पहले बैठक कर लेने का निर्देश दिया. जिससे पक्षकार जागरूक हो सके. साथ ही मामले को प्राधिकार कार्यालय में भी रिपोर्ट करने का निर्देश दिया.किस्त में जमा कर सकते हैं ऋण
प्राधिकार प्रभारी सचिव ने कहा कि बहुत ऐसे बैकं ऋणी हैं जिनके पास समझौता के बाद भी एक मुश्त ऋण चुकाने में परेशानी होती है. वैसे ऋण धारकों से किस्त बनाकर राशि लेने का निर्देश दिया. साथ बैंक पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि समझौता के बाद जिस मामले में पक्षकार पर सर्टिफिकेट केस चल रहा है, वैसे मामले में बैंक पदाधिकारी सर्टिफिकेट ऑफिसर से समन्वयन बनाकर अवगत कराएं, ताकि समझौता के बाद भी पक्षकार को नोटिस नहीं मिले. बैठक में एलडीएम गजेंद्र मोहन झा, पंजाब नेशनल बैंक से विजय कुमार, इंडियन ओवरसीज बैंक से सुजाता कुमारी, यूनियन बैंक से अविनाश कुमार, बैंक ऑफ इंडिया से शिव कुमार, उत्तर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से ऋषभ कुमार, दूरसंचार विभाग से आनंद पंसारी सहित कई बैंकों के पदाधिकारी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है