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Madhubani News : बीमार बच्चों को पीकू में नहीं मिल रही चिकित्सा सुविधा

गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों एवं किशोरों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पीकू निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 2023 में शुरू की थी.

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मधुबनी.

गंभीर बीमारी से पीड़ित बच्चों एवं किशोरों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने पीकू निर्माण की प्रक्रिया वर्ष 2023 में शुरू की थी. इसी क्रम में सदर अस्पताल सहित जिले के 12 स्वास्थ्य संस्थानों में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 20-20 बेड के पीकू वार्ड का निर्माण कराया गया है, लेकिन विडंबना यह है कि दो वर्ष बाद भी बीमार बच्चों को पीकू में चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिल रही है. आलम यह है कि पीकू वार्ड का निर्माण पूरा होन के महीनों बाद भी जब सदर अस्पताल का पीकू वार्ड ही संचालित नहीं हो पाया है तो प्रखंडों की बात करना भी बेमानी है. पीकू वार्ड का निर्माण प्री-फैब से किया गया है. पीकू वार्ड को 10 बेड के आईसीयू से जोड़ा गया है. शेष 10 बेड सामान्य है. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पीकू (पीडियाट्रिक इन्टेंसिव केयर यूनिट) वार्ड में 29 दिनों के बच्चों से लेकर 14 वर्ष तक के गंभीर बीमारी से पीड़ित किशोरों के इलाज के लिए सभी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है. ताकि पीकू वार्ड में गंभीर बीमार बच्चों एवं किशोरों को इलाज के लिए जिले से बाहर जाने की जरूरत नहीं हो. आईसीयू की तर्ज पर वार्ड का निर्माण होने के बाद सदर अस्पताल से बच्चों को रेफर करने की समस्या से भी निजात मिलेगी. विदित हो कि सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में 0 से 28 दिन के बच्चों का इलाज किया जा रहा है. 29 दिन से अधिक आयु के बच्चों को गंभीर स्थिति में रेफर किया जाता है. बच्चों के बेहतर इलाज के लिए परिजनों को किसी निजी अस्पताल का रुख करना पड़ता है या फिर दूसरे जिले में जाना पड़ता है.

सदर अस्पताल सहित 15 स्वास्थ्य केंद्र में बनाया गया है पीकू वार्ड

सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि पीकू वार्ड का निर्माण सदर अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मधवापुर, बासोपट्टी, बाबूबरही, लदनिया, लौकही, खुटौना, बिस्फी, खजौली ट्रामा सेंटर अररिया संग्राम, कलुआही, अंधराठाढ़ी एवं लखनौर में किया गया है. पीकू वार्ड बच्चों के लिए आईसीयू के रूप में तैयार किया गया है. अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस पीकू वार्ड में गंभीर रूप से बीमार बच्चों के जीवन की रक्षा हो सकेगा.

क्या है पीकू (गहन बाल चिकित्सा वार्ड)

सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके झा ने कहा कि पीडियाट्रिक्स इंटेसिव केयर यूनिट में 29 दिन के बच्चों से लेकर 14 साल के बीमार किशोर को भर्ती किया जाता है. इसे गहन बाल चिकित्सा वार्ड भी कहा जाता है. पीकू में इमरजेंसी जांच से जुड़े सभी संसाधन उपलब्ध रहता है. जिसमें वेंटिलेटर, ऑक्सीजन आदि शामिल हैं. इसके अलावा विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम की तैनाती रहती है. इसके अलावा रेडियेंट वार्मर, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, इन्फ्यूजन पंप, मल्टीपैरामीटर मॉनिटर, पल्स ऑक्सीमीटर, लेरिंगोस्कोप सहित एक दर्जन से ज्यादा जीवन रक्षक उपकरण लगाए जाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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