हरलाखी.
नकपुधाम स्थित जानकी मंदिर प्रांगण में विवाह पंचमी महोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को मिथिला राम कलेवा का रस्म पूरा हुआ. इस दौरान जयपुर से आए राम लीला कलाकारों ने राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न की भूमिका निभायी. वहीं अयोध्या से आए साधु-संत के अलावा सैकड़ों महात्मा भोजन के लिए बैठे. चारों दूल्हे सरकार को चांदी की थाली में व्यंजन परोसा गया. इसके बाद बारातियों को खाने के लिए आग्रह किया गया. लेकिन इसी बीच प्रभु श्रीराम सहित सभी भाई रुठ गए. जिन्हे मैया सुनैना ने उपहार देकर भोजन के लिए मनायी . यह मनोरम दृश्य को देख सभी दर्शक भावविभोर हो गए. इस दौरान हास-परिहास का दौर भी चलता रहा. वहीं, जनकपुर की महिलाओं ने तरह तरह के लोक गीत गाये. खूब खाव यव दुलहा, खूब मोटाव यव दुलहा, रामजी से पूछे जनकपुर की नारी बताब बबुआ..खीर के अनादर नय करियव यव रघुवर.. आदि गीतों से माहौल खुशगवार बना दी. मर्यादि के दौरान मिथिलानियों ने मिथिला परम्परा के अनुसार दूल्हे सरकार समेत बारातियों को मैथिली गीतों के माध्यम से खूब गालियां दी. इस दौरान दर्शकों ने खूब आनंद ली. भोजन के बाद महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव व उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास वैष्णव ने चारों दूल्हे सरकार समेत सभी बारातियों को उपहार के रूप में रुपये व अन्य सामग्री भेंट की. उसके बाद किशोरी जी की विदाई की घड़ी आई.. इस दौरान मिथिलानियों ने यौ पहुना अब मिथिले में रहुना.. समेत मैथिली विवाह गीतों ने दर्शकों का आंखे नम कर दिया. इसके साथ ही राम कलेवा की रस्म पूर्ण के बाद जनकपुर धाम में आयोजित सात दिवसीय विवाह पंचमी महामहोत्सव का समापन हो गया. राम कलेवा में मुख्य अतिथि के रूप में सीडीओ, भूषण बाबा, क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष, महावीर युवा अध्यक्ष,जनकपुर मेयर समेत कई गणमान्य व्यक्तियों के अलावे हजारों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

