मधुबनी. शहर के सप्ता स्थित सभागार में पूर्व विधायक रामचंद्र यादव की 13वीं पुण्यतिथि मनायी गयी. जिसमें वक्ताओं ने कहा कि स्व. यादव गरीबों, शोषितों, वंचितों और समाज के अंतिम पायदान पर रहने वालों के सच्चे हितैषी थे. उनके उत्थान के लिए अनवरत संघर्षरत रहे. 6 वर्ष से अधिक समय तक जेल में यातनाएं झेली. फुलवारीशरीफ, बक्सर, मधुबनी, दरभंगा, बिहारशरीफ, भागलपुर जेल में विभिन्न आंदोलन में बंद रहे. प्रेस बिल के खिलाफ 1982 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं जयप्रकाश नारायण के साथ जेल में रहे. उन्होंने सबके लिए सरकारी शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए विधान सभा में अपनी आवाज बुलंद की. बेरोजगारी भत्ता, वृद्धा पेंशन, कृषि को उद्योग का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन किया. अपनी मेहनत से पलटू लोरिक हाई स्कूल का निर्माण कराया और बिहार सरकार से मंजूरी दिलायी. बिस्फी विधान सभा क्षेत्र का कोई भी गाव विकास से अछूता नहीं रहा. वक्ताओं ने कहा कि वे समस्तीपुर-जामनगर बड़ी रेललाइन के मुख्य आंदोलन कर्ता थे. जिसके निर्माण से मधुबनी जिले के लाखों लोगों को देश विभिन्न हिस्से में जाने में साहूलियत हो रही है. वक्ताओं ने कहा कि 21 वर्ष की उम्र में सलहा पंचायत के मुखिया चुने गये. 1995-2000 बिस्फी के विधायक रहे. एआईएसएफ, एआईवाईएफ, एआईकेएस व भाकपा के उच्च पद पर भी वे रहे. साम्यवादी दर्शन के अध्ययन के लिए सोवियत रूस, यूक्रेन, उजबेकिस्तान का दौरा किया. विश्वजीत यादव ने कहा रामचंद यादव बाढ़ व सूखा संकट के स्थाई निदान के लिए लगातार संघर्ष करते रहे. सभा को भाकपा के लक्ष्मण चौधरी, अरविंद प्रसाद, अरुण कुमार झा, रामचंद शर्मा, युगल मोची, जदयू जिला उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव, फुलदेव यादव, राजद के प्रो. इश्तियाक अहमद, प्रो. घनश्याम यादव, राम एकवाल यादव, क्रांसपा की सुशीला देवी, बिंदेश्वर यादव, रामनरेश यादव, योगेंद्र मंडल, लाल बहादुर शास्त्री, वरुण यादव, विश्वजीत यादव एवं ओबीसी लेखक संघ के अध्यक्ष रामश्रेष्ठ दीवाना ने भी संबोधित किया. अध्यक्षता गंगाधर कामत ने की.
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