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ना MLA और ना ही MLC फिर कैसे मुख्यमंत्री बनें कर्पूरी ठाकुर, आखिर किसने छोड़ी अपनी सीट ?

Karpoori Thakur Inside Story: फुलपरास विधानसभा सीट न सिर्फ एक चुनावी क्षेत्र है, बल्कि कर्पूरी ठाकुर की सियासी कर्मभूमि भी रही है. यहां JDU का दबदबा लंबे समय से है, जबकि कांग्रेस और RJD जीत से दूर रही हैं. यादव उपनाम वाले नेताओं का वर्चस्व रहा है. खेती-किसानी आधारित यह इलाका शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की कमी से जूझता है.

Karpoori Thakur Political Story: फुलपरास सिर्फ एक विधानसभा सीट नहीं, बल्कि जननायक कर्पूरी ठाकुर जैसे दिग्गज नेता की सियासी कर्मभूमि है. उनकी सामाजिक न्याय की लड़ाई आज भी इस क्षेत्र की राजनीति को दिशा देती है. चुनावों में मौका भुनाने के लिए कई दल उनके नाम का सहारा लेते रहे हैं. वर्तमान में इस सीट पर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के दलों की नजर है. खासकर जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) यहां अपनी ताकत झोंक रहे हैं. 

उपचुनाव में मिली कर्पूरी ठाकुर को जीत 

पिछले 15 साल से फुलपरास विधानसभा सीट पर JDU का दबदबा है. अहम यह है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और बिहार की सत्ता में रह चुके लालू प्रसाद यादव की पार्टी RJD कभी इस सीट को नहीं जीत पाईं. 1951 के बाद से फुलपरास विधानसभा सीट पर 18 विधानसभा चुनाव हुए हैं, जिसमें 1977 का चर्चित उपचुनाव भी शामिल है. इसी उपचुनाव में कर्पूरी ठाकुर को जीत मिली थी.

ना MLA और ना ही MLC फिर कैसे मुख्यमंत्री बनें कर्पूरी ठाकुर 

1977 के बिहार विधानसभा चुनाव में जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था. उस समय कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री चुने गए लेकिन वह न तो बिहार विधानसभा और न ही बिहार विधान परिषद के सदस्य थे. उसी साल कर्पूरी ठाकुर को समस्तीपुर की जनता ने लोकसभा चुनाव जिताकर संसद भेज दिया था. हालांकि, मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उनके लिए विधायक बनना जरूरी था. इस स्थिति में फुलपरास सीट को कर्पूरी ठाकुर के लिए खाली किया गया. यहां से जीतकर आए देवेंद्र प्रसाद यादव ने कर्पूरी ठाकुर के लिए यह काम किया. इस तरह उपचुनाव जीतकर कर्पूरी ठाकुर विधानसभा पहुंचे और मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारियों को बरकरार रखा.

18 चुनावों में से 13 में यादव उपनाम वाले नेता

इस सीट से कांग्रेस पार्टी ने 5 बार और जनता दल (यूनाइटेड) ने 4 बार चुनाव जीते हैं. संयुक्त समाजवादी पार्टी और जनता पार्टी ने तीन-तीन बार, जबकि समाजवादी पार्टी ने दो बार जीत हासिल की.  एक और दिलचस्प बात ये है कि अब तक हुए 18 चुनावों में से 13 में यादव उपनाम वाले नेता जीतकर आए हैं. 

क्या कहती है फुलपरास की डेमोग्राफी ? 

मौजूदा वक्त में फुलपरास की जनसंख्या और मतदाताओं की बात करें तो वर्ष 2024 की अनुमानित जनसंख्या के अनुसार, फुलपरास विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 5,61,998 है, जिसमें 2,90,825 पुरुष और 2,71,173 महिलाएं शामिल हैं. चुनाव आयोग के अनुसार, 1 जनवरी 2024 की स्थिति में यहां कुल 3,34,289 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 1,74,359 पुरुष, 1,59,914 महिलाएं और 16 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं. 

क्या है फुलपरास का भौगोलिक दशा 

भौगोलिक दृष्टि से फुलपरास एक समतल और अत्यंत उपजाऊ क्षेत्र है. इसके बीच से बिहार की सबसे उग्र नदियों में से एक भुतही-बलान बहती है. यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है. फुलपरास का शुमार उन क्षेत्रों में होता है, जहां शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति आज भी संतोषजनक नहीं है. सरकारी सेवाओं की पहुंच सीमित है, और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की भारी कमी है.

कौन-कौन से इलाके आते हैं? 

फुलपरास जिला मुख्यालय मधुबनी से लगभग 40 किमी, लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र झंझारपुर से लगभग 30 किमी और उत्तर बिहार के शहरी केंद्र दरभंगा से करीब 65 किमी की दूरी पर स्थित है. राज्य की राजधानी पटना यहां से करीब 180 किमी दूर है. 2008 में हुए परिसीमन के अनुसार, यह क्षेत्र घोघरडीहा, फुलपरास और मधेपुर सीडी ब्लॉकों के अंतर्गत आने वाले कई पंचायतों को शामिल करता है. घोघरडीहा के अंतर्गत पिरोजगढ़ पंचायत पड़ती है.

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फुलपरास ब्लॉक में महिंदवार, धरमडीहा, गोढ़ियारी, महथौर खुर्द, छात्र बरही, फुलपरास, रामनगर ग्राम पंचायतें आती हैं. इसके अलावा, मधेपुर ब्लॉक में सुंदर बिराजित, मटरास, तरडीहा, महिशाम, मधेपुर पूर्व, मधेपुर पश्चिम, नवादा, करहारा, दारा, दोलख, महपतिया, बसीपट्टी, गढ़गांव, भकराईन, बाथ, बकवा, भरगावां, बरशाम, भेजा और रोहुआ संग्राम ग्राम पंचायतें शामिल हैं.

Nishant Kumar
Nishant Kumar
निशांत कुमार पिछले तीन सालों से डिजिटल पत्रकारिता कर रहे हैं. दैनिक भास्कर (बक्सर ब्यूरो) के बाद राजस्थान पत्रिका के यूपी डिजिटल टीम का हिस्सा रहें. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में काम कर रहे हैं. देश-विदेश की कहानियों पर नजर रखते हैं और साहित्य पढ़ने-लिखने में रुचि रखते हैं.

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