मधुबनी. बेनीपट्टी उपकारा के अधीक्षक को प्रोटेस्ट आवेदन व वकालतनामा पर हस्ताक्षर नहीं करवाना महंगा पड़ गया. विशेष न्यायालय एससी एसटी के न्यायाधीश सैयद मो. फजलुल बारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उप कारा अधीक्षक को 20 अगस्त 2025 को सदेह न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है. आवेदन कर्ता के अधिवक्ता संजय कुमार मिश्र ने जानकारी दी कि हरलाखी थाना के एक मामले में भरत साफी बेनीपट्टी स्थित जेल में बंद है. वहीं, काराधीन भरत साफी की ओर से दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के बाद प्रोटेस्ट आवेदन न्यायालय में देना था. जब आवेदन और वकालतनामा पर हस्ताक्षर करवाने के लिए जेल भेजा गया. जहां जेल अधीक्षक ने तो आवेदन और वकालतनामा पर बिना हस्ताक्षर कराए वापस कर दिया. इसको लेकर विशेष न्यायालय में आवेदन दिया गया. जहां न्यायालय ने इसे न्यायिक प्रक्रिया में लापरवाही मानते हुए बेनीपट्टी जेल अधीक्षक की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उसे न्यायालय में 20 अगस्त को उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है.
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