मधुबनी. इस बार अंग्रेजी नववर्ष की शुरुआत मृगशिरा नक्षत्र में होगी. अंग्रेजी वर्ष 2026 में कई ग्रह गोचर दुर्लभ राजयोग बनाने जा रहा है. इसका प्रभाव मानव जीवन और देश- दुनिया में देखने को मिलेगा. साल 2026 की शुरुआत में 5 अद्भुत राजयोग बनने जा रहा है. यह राजयोग है, मालव्य राजयोग, बुधादित्य राजयोग, शुक्रादित्य राजयोग, आदित्य मंगल और गजकेसरी राजयोग. वहीं, हिंदी नववर्ष विक्रम संवत 2083 की शुरुआत 20 मार्च से होगा, जो रौद्र नामक वर्ष कहा जाएगा. साथ ही इस वर्ष अधिक मास का संयोग भी बन रहा है. स्टेशन चौक स्थित हनुमान प्रेम मंदिर के पुजारी पं. पंकज झा शास्त्री ने कहा कि ज्योतिषीय दृष्टि से यह साल बड़े बदलाव और आंतरिक तनाव का संकेत देता है. खासकर वैचारिक और सुरक्षा मोर्चों पर. यह साल वैश्विक व्यवस्था के लिए निर्णायक हो सकता है और हर राशि के लिए यह साल जीवन बदलने वाला या गहन चिंतन का समय हो सकता है. इसमें महत्वपूर्ण खगोलीय घटनाएं और बदलाव होंगे. जिसका असर वैश्विक स्तर पर देखने को मिलेगा. संभावना है कि चीन ताइवान पर कब्जा कर लेगा. रूस और अमेरिका के बीच वर्चस्व के लिए टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है. दुनियाभर में अशांति और तनाव का प्रभाव बढ़ जाएगा. पृथ्वी पर बाढ़, भूकंप, सुनामी और प्राकृतिक आपदाएं जैसी घटनाओं में वृद्धि होने की संभावना है. साल 2026 में परमाणु हमले का खतरा भी बन सकता है. अचानक भारी बारिश जैसी प्राकृतिक आपदाएं देखने को मिल सकती हैं. इससे न सिर्फ लोगों को बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान होगा. वर्ष 2026 ज्योतिष के इतिहास में एक महत्वपूर्ण वर्ष के रूप में दर्ज होगा. इस वर्ष ””””””””देवगुरु बृहस्पति”””””””” अपनी परम उच्च अवस्था (कर्क राशि) में होंगे, जो पिछले 12 वर्षों में नहीं हुआ है. वहीं, ””””””””न्यायाधीश शनि”””””””” मीन राशि में रहकर दुनिया को जल और भावनाओं का महत्व समझाएंगे. पंडित पंकज झा शास्त्री ने कहा कि स्वतंत्र भारत की कुंडली (वृषभ लग्न) के लिए, गुरु तृतीय और एकादश भाव का स्वामी होकर पराक्रम भाव में उच्च का होगा. यह भारत की स्पेस एजेंसी, रक्षा उत्पादन और पड़ोसी देशों के साथ कूटनीति के लिए स्वर्णिम काल हो सकता है. पड़ोसी देश भारत को अशांत करने का हर संभव प्रयास करेगा परंतु भारत अपने कूटनीति बल के साथ नयी ऊंचाई को छुएगा. 2026 की शुरुआत को वित्तीय रूप से सावधानी वाला समय माना जा रहा है.आम नागरिकों को आर्थिक मामलों में विशेष रूप से सजग रहना चाहिए. यह साल भारत के लिए मिश्रित फलदायी कहा जाएगा लेकिन इस साल ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी सफलता और तरक्की देखने को मिल सकती है. एक बड़ी नौसेना या समुद्री घटना साल 2026 में दुनिया को हिला सकती है. कोई बहुत बड़ा जहाज डूब सकता है या समुद्री युद्ध शुरू हो सकता है. हो सकता है किसी देश की गलत हरकत से समुद्री तनाव अचानक बहुत बढ़ जाए और उसकी वजह से बड़े राष्ट्र आमने-सामने आ जाएं. विश्व के बड़े देशों जैसे अमेरिका, यूके वगैरह को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है. इसके कारण समाज में अशांति फैल सकती है. लोगों को महंगाई का सामना भी करना पड़ सकता है. इस बड़े संकट के कारण विश्व के कई बड़े नेताओं को पतन का सामना भी करना पड़ेगा. वैसे हर घटना एक नया बदलाव के लिए होता है, इसीलिए व्यक्ति को सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ना चाहिए.
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