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भय का माहौल, बदहवास भागे लोग
स्कूलों में अफरातफरी, डरे थे बच्चे मधुबनी : तेज भूकंप के रह रह कर आ रहे झटके से हर लोग दहशत में रहे. क्या आम आदमी, क्या पदाधिकारी. भूकंप के झटके से डरे सहमें सभी थे. विद्यालयों में बच्चों के रहने के कारण अभिभावक अपने-अपने बच्चों का अभिभावक संबंधित विद्यालय पहुंच गये. बच्चों को कुशल […]
स्कूलों में अफरातफरी, डरे थे बच्चे
मधुबनी : तेज भूकंप के रह रह कर आ रहे झटके से हर लोग दहशत में रहे. क्या आम आदमी, क्या पदाधिकारी. भूकंप के झटके से डरे सहमें सभी थे. विद्यालयों में बच्चों के रहने के कारण अभिभावक अपने-अपने बच्चों का अभिभावक संबंधित विद्यालय पहुंच गये. बच्चों को कुशल देख अभिभावकों को राहत मिली.
वहीं बच्चों में भी इस कदर भय व्याप्त था कि बच्चे अपने मां पिता को देखते ही उनसे लिपट जाते और रोने लगते. हल्की बूंदा-बांदी के बावजूद लोग खाली जगहों में खड़े रहे. भूकंप के दौरान विद्यालयों से छात्रों को बाहर निकाल दिया गया. विद्यालय प्रबंधन भी बच्चों की सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित दिखे.
सेंट्रल पब्लिक स्कूल बाबूसाहेब चौक के प्रधानाचार्य नंदन कुमार ने बताया कि विद्यालय में अंतिम क्लास चल रही थी. इसी दौरान भूकंप के झटके आया. सभी बच्चों को लेकर शिक्षक विद्यालय से बाहर निकल गये. सभी बच्चे सुरक्षित थे. कई बच्चों की तबीयत भूकंप के डर से खराब हो गयी जिन्हें अभिभावक सदर अस्पताल व नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे.
बना नियंत्रण कक्ष
मधुबनी. भूकंप आते ही जिला पदाधिकारी के निर्देश पर तत्काल आपदा विभाग में नियंत्रण क क्ष की स्थापना कर दी गयी. सहायक आपदा प्रभारी पदाधिकारी मो. शमीम के साथ साथ पंचायती राज पदाधिकारी मो. तारिक ईकबाल, रमण प्रसाद, अनु कुमार व अन्य चार पदाधिकारी के साथ साथ आपदा विभाग के अन्य सभी कर्मचारी मुस्तैदी से जिले के हर भाग से भूकंप को लेकर हुई क्षति व जान माल के सुरक्षा की जानकारी लेने में जुटे हुए थे.
हर आने वाले फोन को तत्काल रिसीव कर उस पर आवश्यक जानकारी ली जा रही थी व उन्हें जानकारी दी जा रही थी. हालांकि रह रह कर आ रहे भूकंप के दौरान ये पदाधिकारी व कर्मचारी भी कार्यालय कक्ष से बाहर निकल जाते. सहायक आपदा प्रभारी पदाधिकारी मो शमीम ने बताया है कि विभाग हर पल जानकारी ले रही है. उचित कार्रवाई की जायेगी.
काम छोड़ बैंक से बाहर निकले प्रबंधक व ग्राहक
मधुबनी. हर दिन की तरह शनिवार को बैंकों में ग्राहकों की भीड़ लगी हुई थी. एसबीआइ के मुख्य शाखा में भी ग्राहकों की काफी भीड़ थी. बैंक के पदाधिकारी व कर्मचारी भी अपने अपने काम मे जुटे हुए थे. बैंक के मुख्य शाखा प्रबंधक रियाज अहमद ने बताया है कि दिन के करीब 11:42 में में अपने कार्यालय कक्ष में बैठ कर कंप्यूटर पर काम कर रहे थे.
इसी दौरान उनका हाथ थरथराने लगा. वे जब तक कुछ समझ पाते तब तक बैंक के अन्य कर्मचारी व ग्राहकों ने भूकंप आने की शोर करते हुए बाहर निकलना शुरू कर दिया. मुख्य प्रबंधक ने बताया की कैस रूम से रुपये निकल चुका था और ग्राहकों की संख्या ज्यादा थी इसलिये सभी ग्राहक को बाहर निकाल कर हम मुख्य द्वार को लगाकर बाहर निकल गये. तब तक नीचे में तैनात गार्ड भी ऊपर आकर बाकी द्वार को भी लगाया . इस भाग दौड़ मे सतलखा निवासी ग्राहक ललन झा सीढी से गिर गये. उनको हल्की चोट आयी .
आपदा न्यूनीकरण योजना बंद
मधुबनी. आपदा के दौरान जान माल की सुरक्षा के लिये स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित करने की योजना आपदा न्यूनीकरण बंद हो चुका है. इससे अब काफी परेशानी हो रही है. भूकंप के दौरान लोगों को राहत पहुंचाने व लोगों को सुरक्षित निकालने में एक ओर जहां विभाग को काफी परेशानी होगी. वहीं आम आदमी को भी भयानक त्रसदी से गुजरना होगा.
वर्ष 2003 में आपदा न्यूनीकरण योजना लागू किया गया था. जो वर्ष 2008 तक चला. इस दौरान आपदा से बचाव के लिये स्वयं सेवकों को बचाव कार्य की व्यापक रूप से जानक ारी दी जाती थी. पर 2008 में यह योजना ही बंद हो गयी. जिस कारण अब ना तो स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और ना ही नये सिरे से स्वयं सेवकों को बहाल ही किया जा रहा है.
जतरू उरांव की मौत से पुलिस विभाग गमगीन
मधुबनी. रहिका थाना में पदस्थापित सब इंस्पेक्टर जतरू उरांव की भूकंप के दौरान हुई मौत के बाद उनके शव को सदर अस्पताल लाया गया. सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव को वर्फ की सिल्ली पर लिटाकर फूल मालाओं से पुलिस कर्मियों ने लाद दिया. सब इस्पेक्टर के शव को पुलिस केंद्र पर पुलिस अधिकारियों एवं जवानों ने सलामी दी. इसके बाद स्व. उरांव को उनके पैतृक आवास गांव तरंगा थाना मांडर रांची के लिये रवाना किया गया.
वे रहिका थाना में पदस्थापित थे. शनिवार को अंधरामठ थाना में किसी केस का चार्ज देने गये थे. अंधरामठ थाना से वे बस से लौट रहे थे. 11:42 बजे जब वह सकरी फोर लेन पर उतरने लगे. इसी दौरान भूकंप के झटके से वे लड़खड़ा गये. पीछे से आ रही एक अज्ञात वाहन ने उन्हें ठोकर मार दी.
जिससे वे बुरी तरह घायल हो गये. घायल अवस्था में उन्हें रामशीला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी मौत हो गयी. पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार, एसडीपीओ कामोद प्रसाद सहित कई पुलिस अधिकारियों ने उनके निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है.
अस्पताल में दहशत से भागे मरीज
मधुबनी.भूकंप के झटके का एहसास होते ही शनिवार को सदर अस्पताल में आपातकालीन, ओपीडी व मेडिकल वार्ड, सिविल सजर्न कार्यालय जिला स्वास्थ्य समिति से लोग व मरीज भागने लगे. भूकंप के दौरान दिन के 11:42 पर सदर अस्पताल में मरीज के स्थिति का आलम यह रहा कि ऐसे मरीज जिनको स्लाइन चढाया जा रहा था. उनके परिजन स्लाइन की बोतल सहित कक्ष से बाहर खींच लाये.
ओपीडी के पहली मंजिल से भागे मरीज
ओपीडी के पहले मंजिल पर दर्जनों मरीज लाइन में खड़े होकर अपना इलाज कराने के प्रतीक्षा में थे. इसी दौरान भूकंप के झटके आने लगे. मरीज व उनके परिजन,चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी आनन फानन में वहां से खुले मैदान की ओर भागे.
चक्कर आया नर्स को
सदर अस्पताल में पुरुष सजिर्कल वार्ड में कार्यरत नर्स सीता देवी को भूकंप आने के दौरान बाहर में चक्कर आ जाने के कारण वह गिर गयी. अस्पताल में मरीज के परिजन द्वारा उन्हें सहायता दिया गया.
और डीएम समेत अन्य कर्मी नीचे भागे
मधुबनी. भूकंप के दौरान जिला पदाधिकारी गिरिवर दयाल सिंह, अपर समाहर्ता नौशाद अहमद, वरीय उप समाहर्ता राकेश गुप्ता, अशोक गुप्ता, नरेश झा सहित कई अधिकारी व कर्मी अपने अपने कक्षों में कार्यों का निष्पादन करने में जुटे थे.
इसी दौरान भूकंप की झटका महसूस होते ही सभी अपने अपने कक्ष से बाहर निकल कर भागे. जिला पदाधिक ारी करीब आधे घंटे तक समाहरणालय परिसर में खड़े रहे. इसके बाद अपने गाड़ी में बैठकर अपने आवास की ओर चले गये. कर्मी व अन्य अधिकारी कुछ देर के बाद अपने अपने कक्ष की ओर चले गये. पर एक घंटे बाद पुन: भूकंप के झटके आने पर कर्मी व अधिकारी धीरे धीरे कार्यालय को खाली करते हुए अपने अपने घरों की ओर चल दिये. कई अधिकारी ने बताया कि ऐसा जल जला उन्होंने कभी नहीं देखा. 1988 में आया भूकंप भी तेज था.
पर यह भूकंप काफी खतरनाक था. वहीं डीआरडीए भवन से भी डीडीसी व अन्य कर्मी भूकंप आते ही निकल गये. डीडीसी राजकुमार ने बताया है कि वे अपने कार्यालय कक्ष में सहायक सुधाकर से जरूरी काम करा रहे थे. इसी बीच भूकंप के झटके आने लगा. जिसके बाद वे काम छोड़ कर बाहर निकल गये.
महिला समेत तीन घायल
मधुबनी : नगर थाना के जेपी कॉलोनी में शिव नारायण पूर्वे की चहारदीवारी टूटने से तीन महिला बुरी तरह घायल हो गयी. घायलों में अल्का कुमारी, मधु कुमारी एवं कल्पना देवी शामिल हैं. घायलों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. आपातकालीन में डा. पी मिश्र ने बताया कि तीनों मरीजों को गंभीर चोटें आयी है. एक्सरे रिपोर्ट के बाद आगे की इलाज की जायेगी.
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