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14 में से सात विषयों की नहीं होती है पढ़ाई
झंझारपुर : सरिसब पाही स्थित महाराज लक्ष्मेश्वर सिंह (एमएलएस) कॉलेज के सात विषयों में शिक्षक कई सालों से नहीं है. महज नौ शिक्षक की बदौलत ही प्रत्येक वर्ष इंटर व स्नातक के छात्र उत्तीर्ण हो रहे हैं. कॉलेज में 14 विषय की पढ़ाई की मान्यता विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर दी गयी है. मिथिलांचल का कॉलेज […]
झंझारपुर : सरिसब पाही स्थित महाराज लक्ष्मेश्वर सिंह (एमएलएस) कॉलेज के सात विषयों में शिक्षक कई सालों से नहीं है. महज नौ शिक्षक की बदौलत ही प्रत्येक वर्ष इंटर व स्नातक के छात्र उत्तीर्ण हो रहे हैं.
कॉलेज में 14 विषय की पढ़ाई की मान्यता विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर दी गयी है. मिथिलांचल का कॉलेज होने के बावजूद न ही इस कॉलेज में मैथिली का शिक्षक है और न ही हिंदी के ही शिक्षक हैं. जबकि इंटर हो या स्नातक मैथिली व हिंदी अनिवार्य विषय है. इतना ही नहीं महत्वपूर्ण विषय भौतिकी, गणित, इतिहास, समाजशास्त्र एवं अर्थ शास्त्र में भी शिक्षक नहीं हैं.
आलम है कि शिक्षक के अभाव में या तो अपने पढ़ने को मजबूर हैं, नहीं तो टय़ूशन पर निर्भर होना पड़ता है. कितने छात्र तो इस कॉलेज को छोड़ या तो दरभंगा में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं या यहां से स्थानांतरण लेकर दूसरे जगह कूच कर गये हैं. गौरतलब है कि कॉलेज में इंटर व स्नातक मिलाकर 1522 छात्र छात्र इस कॉलेज में नामांकित हैं. महाविद्यालय प्रशासन की ओर से कई बार इन विषयों के शिक्षक की मांग की गयी है. विश्वविद्यालय प्रशासन प्रत्येक बार इस गंभीर परिस्थिति को अनसुना कर देता है.
वर्ष 1994-95 से वाणिज्य संकाय की पढ़ाई की शुरुआत भी की गयी थी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद वाणिज्य की पढ़ाई को बंद कर दिया गया. वाणिज्य विषय की पढ़ाई करने वाले छात्र को दूर जाना पड़ रहा है. कई बार इसके लिए छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखा भी, लेकिन इसका आज तक कुछ असर नहीं हुआ है.
इन विषयों की होती पढ़ाई
कॉलेज को विश्वविद्यालय प्रशासन से 14 विषयों का संबंधन है. रसायान विज्ञान, जंतु विज्ञान, भौतिकी विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, गणित, अंगरेजी, हिंदी, मैथिली, संस्कृत, दर्शनशास्त्र, अर्थ शास्त्र, समाजशास्त्र, राजनीति शास्त्र एवं इतिहास विषय की पढ़ाई संबंधन के तहत होनी है. जो हो भी रही है. छात्र नामांकन करा भी रहे हैं और खुद पढ़कर उर्त्तीण भी हो रहे हैं.
इन विषयों में नहीं हैं शिक्षक
भौतिकी विज्ञान, गणित, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, मैथिली एवं हिंदी में लगभग पांच से छह साल से शिक्षक का पद रिक्त है.
इस विषय के शिक्षकों के द्वारा अवकाश लेने के बाद शिक्षकों नहीं भेजा जा सका है.
इन विषयों में शिक्षक हैं मौजूद
रसायन विज्ञान में प्रो सत्यनारायण ठाकुर एवं प्रो अमरनाथ झा, जंतु विज्ञान में डॉ विजय कुमार मिश्र एवं असर्फी कामत, वनस्पति विज्ञान में रामनरेश झा, अंगरेजी विषय में प्रो धनेश्वर ठाकुर, दर्शनशास्त्र विषय में डॉ विजय चंद्र झा, संस्कृत विषय कृष्णकांत झा, राजनीति विषय में डॉ केके सुमन शामिल हैं.
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