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बीएम में पांच शिक्षक, 14 विषय, पढ़ाई चौपट

महाविद्यालय का हाल : विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में एक भी शिक्षक नहीं मधुबनी/रहिका : जब सूबे की सरकार ही उच्च शिक्षा के प्रति उदासीन हो तो उस राज्य के छात्रों का भविष्य क्या हो सकता है. सरकार सिर्फ पास किये गये छात्रों के आंकड़ों से खेलती है, लेकिन जिस महाविद्यालय से छात्र पास कर […]

महाविद्यालय का हाल : विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय में एक भी शिक्षक नहीं
मधुबनी/रहिका : जब सूबे की सरकार ही उच्च शिक्षा के प्रति उदासीन हो तो उस राज्य के छात्रों का भविष्य क्या हो सकता है. सरकार सिर्फ पास किये गये छात्रों के आंकड़ों से खेलती है, लेकिन जिस महाविद्यालय से छात्र पास कर रहे हैं वहां के आधारभूत संरचना व शिक्षकों के आंकड़ों की ओर उनका ध्यान नहीं जा रहा है. हां, सरकार के द्वारा शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया वर्षो से जारी है,
लेकिन इस विषय पर कभी चर्चा नहीं होती कि छात्र की पढ़ाई कैसे पूरी होती होगी. जब तक सरकार बहाली की प्रक्रिया पूरा करें तब तक अधिकांश पुराने शिक्षक अवकाश ग्रहण कर लेंगे. फिर छात्रों के भविष्य पर प्रश्न चिह्न् लगता है. यही हाल बयां कर रही है रहिका बीएम कॉलेज. जहां ऑनर्स तक की पढ़ाई होती है. समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र व इतिहास विषय में यहां शिक्षक कार्यरत है. जबकि ऑनर्स तक 14 विषयों की पढ़ाई होती है. विज्ञान व वाणिज्य संकाय में एक भी शिक्षक नहीं है.
कोचिंग-टय़ूशन का सहारा
कला संकाय में हिंदी, गणित, अर्थशास्त्र, अंगरेजी, संस्कृत, मनोविज्ञान, मैथिली, उर्दू, दर्शन शास्त्र व भूगोल के एक भी शिक्षक नहीं है. वहीं, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के भी शिक्षक नहीं है. अब सवाल उठता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षकों के बिना नामांकन का आदेश कैसे देती है. अगर छात्र नामांकन लेते भी हैं तो पाठ्यक्रम पूरी करने के लिए कोचिंग व ट्यूशन का सहारा ले रहे है. इससे छात्रों को आर्थिक व मानसिक परेशानी हो रही है.
पांच शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई
ऑनर्स तक के लिए शिक्षकों के 30 स्वीकृत पदों के विरुद्ध सिर्फ पांच शिक्षक कार्यरत हैं.
समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र व इतिहास विषय को छोड़कर किसी विषय के शिक्षक कार्यरत नहीं है. अन्य विषयों के शिक्षक में अधिकांश अवकाश ग्रहण कर लिए हैं या कुछ का तबादला हो गया है.
इन विषयों की होती पढ़ाई
समाज शास्त्र, हिंदी, राजनीति शास्त्र, गणित, अर्थ शास्त्र, अंगरेजी, संस्कृत, मनोविज्ञान, इतिहास, मैथिली, उर्दू, वाणिज्य, दर्शन शास्त्र व भूगोल विषय के ऑनर्स तक की पढ़ाई होती है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पूरन चंद्र लाल दास ने बताया कि महाविद्यालय में शिक्षकों की कमी है. यहां के छात्र खुद ही पढ़ाई करते हैं. उन्होंने छात्रों की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की. कहा जिन विषयों के शिक्षक उपलब्ध है उन विषयों के वर्ग संचालित किये जा रहे हैं तथा संबंधित विषय के शिक्षकों से संपर्क कर सकते हैं.

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