मधुबनी : हरलाखी थाना क्षेत्र में 21 वर्ष पूर्व चर्चित रवींद्र कुमार चौधरी हत्याकांड मामले में त्वरित न्यायालय प्रथम विनय कुमार सिंह के न्यायालय प्रथम विनय कुमार सिंह के न्यायालय में सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों के बहस के बाद हरलाखी थाना क्षेत्र के खिरहर निवासी बिलटू साह, भोगेंद्र मिश्रा, रामदेव मिश्रा, विनोद पंजियार, […]
मधुबनी : हरलाखी थाना क्षेत्र में 21 वर्ष पूर्व चर्चित रवींद्र कुमार चौधरी हत्याकांड मामले में त्वरित न्यायालय प्रथम विनय कुमार सिंह के न्यायालय प्रथम विनय कुमार सिंह के न्यायालय में सुनवाई हुई. न्यायालय ने दोनों पक्षों के बहस के बाद हरलाखी थाना क्षेत्र के खिरहर निवासी बिलटू साह, भोगेंद्र मिश्रा, रामदेव मिश्रा, विनोद पंजियार, सुरेश पंजियार एवं रामचंद्र साह को दफा 302/34 , एवं 201/34 भादवि में दोषी पाया है. सजा पर सुनवाई 21 जून को होगी.
अपर लोक अभियोजक अजीत कुमार सिन्हा के अनुसार 30 अप्रैल 1998 को सूचक किरण चौधरी की पति रविंद्र कुमार चौधरी (मृतक) आरोपी बिलटू साह मिट्टी भराने का पैसा पेमेंट करने गया था. लेकिन वह घर लौट कर नहीं आया था. 1 मई 1998 को सुबह में सूचना पर एक झोपड़ी में रविंद्र कुमार चौधरी का शव मिला था.
वारिस बनने में हुई थी हत्या. खिरहर गांव के ही विरेंद्र कुमार चौधरी उर्फ बंगाली बाबू का मृतक रविंद्र कुमार चौधरी सेवादार था. बंगाली बाबू के निधन के बाद उसकी पत्नी की हत्या हो गयी. जब बंगाली बाबू के बारिशगान के लिए समाहर्ता मधुबनी से नोटिस गयी. इसी कारण बंगाली बाबू की संपत्ति का दावा करने वाले आरोपी द्वारा षडयंत्र रचकर सुनियोजित ढंग से उसकी हत्या कर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से गांव के ही एक झोपड़ी में रख दिया था. इस बावत मृतक की पत्नी किरण चौधरी द्वारा हरलाखी थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.