मधुबनीः प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा फसल कटनी प्रतिवेदन समय से नहीं भेजने के मामले को जिला कृषि पदाधिकारी ने गंभीरता से लिया है़. इसके तहत झंझारपुर एवं मधवापुर बीएओ के वेतन भुगतान पर रोक लगाने के साथ ही स्पष्टीकरण पूछा गया है़.
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के हर बीएओ को गेहूं की फसल कटनी का प्रतिवेदन जिला कार्यालय को अप्रैल माह तक ही भेजना था़. पर उक्त दोनों प्रखंड से अब तक फसल कटनी प्रतिवेदन नहीं भेजा गया़. जिसे गंभीरता से लेते हुए डीएओ ने दोनों पदाधिकारी के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया है़.
राजस्व गांव से लेना था नमूना
जिले के हर राजस्व गांव से आठ आठ मिट्टी का नमूना जांच के लिये लिया जाना था़. पर इस योजना में भी प्रखंड स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है़. इस कारण जिले के रहिका, बेनीपट्टी, मधवापुर, मधेपुर एवं घोघरडीहा बीएओ से स्पष्टीकरण पूछा गया है़. योजना के अनुसार जिले के हर राजस्व गांव से आठ आठ मिट्टी का नमूना जांच के लिये लिया जाना है़. इसमें पांच ऐसे किसान की खेत से मिट्टी ली जायेगी जो अपने खेत में अधिक रासायनिक खाद का उपयोग करते हो. तीन वैसे किसान जो अपने खेत में कम रासायनिक खाद का उपयोग करते हैं. इस नमूने को मिट्टी जांच प्रयोगशाला में जांच कर जांच को ऑन लाइन कर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया जायेगा़. लेकिन समय से मिट्टी का नमूना ही नहीं जमा किया जा रहा है़.
लापरवाही पर होगी कार्रवाई
किसानों के लिये संचालित होने वाली योजनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश जिला कृषि पदाधिकारी ने दिया है़ इसके तहत खरीफ 2014 में श्री विधि से धान की खेती के लिये पंचायत वार लक्ष्य का निर्धारण करना मिट्टी जांच नमूना संग्रहित करने, न्यूट्रीफॉर्म योजना ढैंचा बीज वितरण सहित अन्य योजना शामिल है. इस बाबत जिला कृषि पदाधिकारी के के झा ने बताया है कि समय से योजना को पूरा नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी़ लापरवाही किसी भी सूरत में बरदाश्त नहीं की जा सकती है.