मधुबनी.
जिले में पानी का स्रोत बढ़ाने के लिए नये पोखर व तालाब का निर्माण किया गया है. साथ ही पहले से बने कुआं व पोखर पर अतिक्रमण हटा कर उसका जीर्णोद्वार कराया गया है. इस तरह से जिले में 1037 नये जल स्रोत विकसित किये गये हैं. इसमें निजी जमीन पर खेत पोखर के अलावा नये तालाबों का निर्माण शामिल है. नये-नये तालाबों का निर्माण कर मछली पालन में उसका उपयोग कर रोजगार के अवसर बढ़ाये जायेंगे. मुख्यमंत्री के महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली मिशन के तहत जिले में काम कराये गये है. इससे रोजगार बढ़ने के साथ लोगों को कमाई भी होगी. बचे हुए तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करा कर उसका जीर्णोद्धार किया जायेगा. जल जीवन हरियाली अभियान में 11 अवयवों पर काम हो रहा है. इसमें 13 विभाग मिल कर काम कर रहा है.शहरी क्षेत्रों में एक भी नहीं है नये जल स्रोत
भले ही इन नये जल स्रोतों के विकास से जिले में भू-गर्भ जल को मेनटेन रखने में मदद मिलेगी, लेकिन इसका असर शहरी क्षेत्रों में कम देखने को मिलेगा. इसके पीछे कारण है कि बीते वित्तीय वर्ष में अधिकतर नये जल स्रोतों का सृजन ग्रामीण क्षेत्रों में ही किया गया है़. विभिन्न विभागों के समन्वय से जल-जीवन-हरियाली मिशन की योजनाएं चल रही हैंग्रामीण क्षेत्रों में नये जल स्रोतों का हुआ सृजन
ग्रामीण क्षेत्रों में नये जल स्रोतों के सृजन में सबसे अधिक मिशन के नोडल विभाग ग्रामीण विकास विभाग की ओर से काम कराया गया है़. इसके बाद कृषि विभाग की ओर से काम पूरा कर नयी जल संरचनाएं बनायी गयीं. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से नये जल संरचनाओं का विकास किया गया़ है . इसके अलावा लघु जल संसाधन विभाग की ओर से नये जल स्रोतों का विकास किया गया है़.
क्या कहते हैं अधिकारी
मनरेगा के डीपीओ अशोक कुमार राय ने कहा कि नये जल स्रोतों के सृजन से जल संकट में कमी आयेगी. ग्रामीण स्तर पर लोगों को रोजगार भी मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

