मधेपुरा.
बिहार स्नातक संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार को डीएमके सिनेमा हॉल परिसर में आयोजित स्नातक अधिकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए बिहार स्नातक संघर्ष समिति के अध्यक्ष स्वतंत्र पत्रकार तुरबसु ने कहा कि वर्षों से नेताओं ने स्नातकों के अधिकार पर कब्जा करके रखा है. स्नातक पास युवा सिर्फ वोटर बनके रह गये हैं. जो भी स्नातक एमएलसी बनते है उन्हें स्नातकों के अधिकार उनके संरक्षण, उनके रोजी रोजगार की समस्या का कोई ख्याल नहीं रहता है. सरकार द्वारा आवंटित राशि को अपने चहेते के बीच ठेकेदारी प्रथा के रूप में किसी महाविद्यालय, विद्यालय में पुस्तक, पुस्तकालय एवं विभिन्न नेताओं के नाम पर गेट बनाकर खानापूर्ति कर लेते है. हमलोगों ने वर्षों से बिहार के अंदर स्नातकों की आवाज बनने का प्रयास किया है. हमारी मांगें है स्नातक निर्वाचन को सरल बनाया जाये, विश्वविद्यालय में रेलवे टिकट काउंटर का स्थापना हो, विश्वविद्यालय के छात्रों को रेलवे टिकट में रियायत हो, स्नातक आयोग का गठन हो, बेरोजगार स्नातकों को भत्ता दिया जाय, स्नातक छात्रों को निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था, स्नातक निर्वाचन के लिए स्थाई मतदाता सूची बनाया जाय, स्नातक निर्वाचन के परिसीमन को घटाया जाय, स्नातक पास सभी छात्रों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाय. इन मांगो को लेकर कोसी स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में स्नातक अधिकार यात्रा की शुरुआत की जायेगी.इस अवसर पर कार्यक्रम में निशांत यादव, कुमारी विनीता भारती, गौतम आनंद, अमित वाल्टन, राहुल यादव, सुभाष चंद्र, निखिल कुमार, नवीन कुमार, रणधीर कुमार, जितेंद्र यादव, पावेल कुमार, शुभम स्टालिन, अभिमन्यु पटेल, संतोष संगम, विवेक कुमार, विकास कुमार, इंदुभूषण कुमार, सूरज सिंघानिया सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

