मुरलीगंज.
प्रखंड क्षेत्र के बेलो पंचायत के वार्ड नंबर सात में सड़क किनारे लगभग पांच लाख रुपये की लागत से लगाये गये ओपन जिम बेकार हो गया है. इस योजना की उपयोगिता और रखरखाव पर स्थानीय लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ओपन जिम का चयन सोच-समझकर नहीं किया गया. अगर इसे किसी स्कूल परिसर या गांव के बीचोंबीच लगाया जाता, तो ग्रामीणों को इसका लाभ मिल पाता.गौरतलब है कि अब जिम के अधिकांश उपकरण या तो टूट चुके हैं, उन पर जंग लग चुका है. कई उपकरण की चोरी हो चुकी है. यह सब दर्शाता है कि जिम की न तो समुचित देखरेख की गयी और न ही उसकी सुरक्षा की कोई व्यवस्था की गयी.
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ओपन जिम जैसी योजनाएं जनता के हित में हैं, लेकिन अगर सही ढंग से क्रियान्वयन न हो, तो ये जनता के पैसों की बर्बादी बनकर रह जाती हैं. ऐसे में जरूरी है कि योजना के क्रियान्वयन, देखरेख और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो. ——–यह योजना हमारे पंचायत प्रभार लेने से पहले की है. यह 15वीं वित्त आयोग की योजना थी, जिसे राजीव गांधी सेवा केंद्र के पास सड़क किनारे लगाया गया था. इस योजना का निरीक्षण नहीं किया क्योंकि यह मेरे कार्यकाल में लागू नहीं हुई थी.
आसिफ, पंचायत सचिव, बेलो, मुरलीगंज
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बेलो पंचायत के मुखिया को पहले ही जिम की चहारदीवारी निर्माण को लेकर निर्देश दिया गया था, ताकि उपकरणों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. हालांकि यह दिशा-निर्देश धरातल पर नहीं उतर सका और जिम की हालत बद से बदतर हो गयी.
राजकुमार सिंह, बीपीआरओ, मुरलीगंज
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