मधेपुरा. बीएनएमयू नार्थ कैंपस स्थित मतगणना केंद्र पर शुक्रवार को पूरे दिन कभी खुशी, कभी गम का नजारा दिखता रहा. जैसे ही किसी राउंड का परिणाम स्क्रीन पर अपडेट होता, समर्थकों की भीड़ में शोर उठ जाता. कभी किसी दल के समर्थक झूम उठते, तो अगले ही राउंड में वहीं चेहरे मायूस दिखने लगते. विधानसभा के चार सीटों की मतगणना में उतार-चढ़ाव ने समर्थकों और प्रत्याशियों की धड़कनें तेज कर दी थी. मतगणना हॉल से हर राउंड के बाद जो भी आंकड़े बाहर आते, कैंपस के बाहर खड़ी भीड़ उसी के आधार पर उत्साह या निराशा से भर जाती. आलमनगर व सिंहेश्वर में शुरूआती बढ़त से एनडीए समर्थक गदगद थे, लेकिन कुछ राउंड बाद जब अंतर घटा, तो चेहरे पर चिंता की लकीरें दिखी. उधर, बिहारीगंज और मधेपुरा सीट पर रुझानों में बार-बार हो रहे बदलाव ने माहौल को और रोमांचक बना दिया. कोई भी समर्थक पूरे आत्मविश्वास के साथ दावा नहीं कर पा रहा था कि अंतिम नतीजा किसके पक्ष में जाएगा. टीवी स्क्रीन पर टिकी रही निगाहें कई बार ऐसा हुआ कि किसी उम्मीदवार को एक राउंड में अच्छी बढ़त मिली और समर्थक ढोल-नगाड़ा बजाने लगे, लेकिन अगले ही राउंड में अंतर कम होते ही चेहरों पर सन्नाटा पसर गया. समर्थकों की प्रतिक्रिया भी राउंड-दर-राउंड बदलती रही. कभी तालियां, कभी चुप्पी और कभी चिंतित चेहरे नजर आए. मतगणना हॉल के बाहर खड़े एजेंट भी अपने मोबाइल पर लगातार अपडेट लेकर नेताओं तक संदेश भेजते रहे. प्रशासन ने व्यवस्था ऐसी बनायी थी कि राउंड बदलते ही सूचना तुरंत बाहर पहुंच रही थी. पंडाल के भीतर टीवी स्क्रीन पर दिखते आंकड़ों को देखकर समर्थक अपनी-अपनी गणना लगाने लगते. कई लोग तो बाकायदा कागज-कलम लेकर हर राउंड का रिकॉर्ड बनाते दिखे. कुल मिलाकर, मधेपुरा की मतगणना एक रोमांचक मुकाबले में बदल गई थी. हर राउंड में बढ़त और पिछड़ने का सिलसिला चलता रहा और समर्थकों के चेहरे इसी उतार-चढ़ाव की कहानी बयां करते दिखे.
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