शंकरपुर. प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बेहरारी गांव के क्लस्टर में प्राकृतिक खेती पर आधारित चयनित किसानों को गुरुवार को प्रशिक्षण दिया गया, जिसका उद्घाटन पूर्व प्रमुख ई कौशल कुमार यादव, पतंजलि जिला युवा प्रभारी सह फाॅर्मर मास्टर ट्रेनर उपेंद्र कुमार योगी, कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक राहुल कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी राजकुमारी, कृषि समन्वयक, प्रिंस पप्पू, एटीएम, विकास कुमार, मृदा विश्लेषण मिट्टी जांच प्रयोगशाला मधेपुरा के प्रदीप कुमार, किसान रामानंद महतो ने किया. उपेंद्र ने बताया कि प्राकृतिक खेती एक गो आधारित खेती है और जीरो बजट खेती है. इसमें किसी भी प्रकार के रसायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं किया जाता है. गोबर, गोमूत्र, गुड़, बेसन, संजीव मिट्टी आदी से प्राकृतिक खाद बनाने की विधि बताते हुये उपेंद्र योगी ने बताया कि अगर अपने परिवार को स्वस्थ रखना चाहते हो ओर आने वाले पीढ़ी को रोग से बचाना चाहते हो तो प्राकृतिक खेती को अपनाना जरूरी है. वही कृषि वैज्ञानिक राहुल कुमार ने कहा कि प्राकृतिक खेती, प्रकृति प्रदत्त संसाधनों पर आधारित खेती है. उन्होंने कहा कि इसमें प्रकृति से मिले पेड़-पौधे, के-पत्ते, गोबर, गोमूत्र, लहसुन मिर्च सहित अन्य कार्बनिक पदार्थों को सड़ाकर, विभिन्न प्रकार के जैव कीटनाशक बनाकर प्रयोग किया जाता है. उन्होंने प्राकृतिक कीटनाशक घर पर ही तैयार कर किसानों को प्रयोग में लाने के लिए कहा. वही पूर्व प्रमुख ई कौशल कुमार यादव ने किसानों को प्राकृतिक खेती करने पर जोड़ दिया. मौके पर किसान सलाहकार रामकुमार यादव, दुखन मंडल, किसान रामानंद महतो, भीम महतो, महंत महतो, गुणानंद साह, अमरेंद्र यादव, दिपनारायण साह, गुरु प्रसाद चौधरी आदि उपस्थित थे.
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