संविधान की आत्मा है प्रस्तावना : कुलपति मधेपुरा. भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बेहतर संविधान है. इसमें व्यापकता है. इसमें सभी नागरिकों के हितों का संरक्षण किया गया है और राष्ट्रीय एकता व अखंडता की नींव रखी गयी है. उक्त बातें कुलपति प्रो बीएस झा ने कही. वे बुधवार को सिंडिकेट हॉल में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित ””हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान”” विषयक परिचर्चा में बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वावधान में संविधान में निहित्त मूल्यों व सिद्धातों के प्रति नागरिकों की प्रतिबद्धता को पुनः रेखांकित करने के लिए किया गया. कुलपति ने कहा कि भारतीय संविधान के कारण ही हमारा लोकतंत्र अत्यधिक सशक्त है. पाकिस्तान, श्रीलंका व नेपाल जैसे हमारे पड़ोसी देशों में बार-बार सेना द्वारा लोकतांत्रिक सरकारों के तख्तापलट की बातें सामने आती रहती है, लेकिन भारत का लोकतंत्र गत 77 वर्षों से अनवरत प्रवाहमान है. कुलपति ने कहा कि हम 15 अगस्त, 1947 को ही स्वतंत्र हो गए थे, लेकिन हमें स्वतंत्रता के बाद भी कुछ दिनों तक अंग्रेजों के बनाये कानून से ही अपनी शासन-व्यवस्था चलानी पड़ी. फिर हमारी संविधान सभा का गठन हुआ व उसके माध्यम से दो वर्ष 11 महीने व 18 दिन में हमारा संविधान तैयार हुआ. उन्होंने बताया कि संविधान के निर्माण में डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव आंबेडकर, सच्चिदानंद सिन्हा आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. इनमें मधेपुरा के कमलेश्वरी प्रसाद यादव के नाम भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना इसकी आत्मा है. इसमें भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्वसंपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने का संकल्प है. यह सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक न्याय की गारंटी देता है. सभी को विचार अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्रदान करता है और उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता व अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने पर जोर देता है. अतिथियों का स्वागत कुलसचिव प्रो अशोक कुमार ठाकुर ने कहा कि भारतीय संविधान में दुनिया के सभी संविधानों की विशेषताएं निहित हैं. कुलानुशासक डॉ इम्तियाज अंजूम ने कहा कि भारतीय संविधान समाज व राष्ट्र के सभी पहलुओं को अपने में समाहित करता है. शिक्षाशास्त्र के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो सीपी सिंह ने कहा कि संविधान हमें अपने अधिकारों के लिए जागरूक करता है और इसके साथ ही अपने कर्तव्यपथ पर अग्रसर होने की प्रेरणा भी देता है. परिसंपदा में शंभू नारायण यादव ने कहा कि हमें अपने विचार व कार्य में एकरूपता लाने की जरूरत है. कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थितों द्वारा संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन किया गया. कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुधांशु शेखर और धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष, छात्र कल्याण प्रो अशोक कुमार सिंह ने किया. इस अवसर पर सीसीडीसी डॉ अरविंद कुमार यादव, डॉ मो अबुल फजल, डॉ रंजन यादव, चंद्रधारी यादव, डॉ सुशील कुमार, डॉ उपेंद्र प्रसाद यादव, सौरभ कुमार चौहान, शैलेश यादव, डॉ राम सिंह यादव, डॉ वीर बहादुर, राहुल रंजन, आर्यन यादव, प्रियांशु कुमारी, शिवानी प्रिया, प्रिया कुमारी, खुशबू कुमारी, आरती कुमारी, प्रज्ञा यदुवंशी, नीलू कुमारी, शिल्पा कुमारी, अंशु रानी, प्रिया पूजा, सौम्या कुमारी, स्वीटी कुमारी, निधि कुमारी, जगन्नाथ कुमार, अंकित कुमार, संतोष कुमार, जगरनाथ शाह, पिंकू प्रिंस, ऋषि राज, ऋषि राज, मनमोहन कुमार, रामकृष्ण कुमार, संजय कुमार, यशवंत कुमार, हर्षित कुमार कुंदन कुमार, रंजीत कुमार, राहुल कुमार, रोशन, सुरेंद्र कुमार, संतोष कुमार, विमल कुमार, राजेश कुमार, कृष्ण कुमार, रुपेश कुमार, छोटू कुमार, सुभाष कुमार आदि उपस्थित थे.
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