madhepura Assembly Election : मधेपुरा. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में गुरुवार को मधेपुरा जिले के मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. सुबह से ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की लंबी कतार दिखायी दी. ग्रामीण इलाकों में सूरज निकलने से पहले ही महिलाओं की लंबी-लंबी कतार लग गयी थी. कई जगहों पर बुजुर्ग महिलाएं भी उत्साह के साथ वोट डालने पहुंचीं. सुबह सात बजे शुरू हुए मतदान में शुरुआती दो घंटे में ही बूथों पर अच्छी खासी भीड़ रही. महिलाओं का उत्साह पुरुषों से अधिक नजर आया. सभी बूथों पर सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी थी. हालांकि कहीं से किसी भी बूथ पर झड़प तक की सूचना नहीं आयी. जिले के मधेपुरा, सिंहेश्वर, बिहारीगंज व आलमनगर विधानसभा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान हुआ. गर्मी व धूप के कारण दोपहर में मतदान की रफ्तार कुछ धीमी दिखी. -मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र में आधी आबादी ने जमकर किया वोट- बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में गुरुवार को मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र में मतदान हुआ. इसको लेकर उत्सवी माहौल रहा. सुबह से ही मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह दिखा. खासकर महिलाओं ने लोकतंत्र के महापर्व को यादगार बना दिया. गांव से लेकर शहर तक आधी आबादी ने बढ़-चढ़कर वोट डाला और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखायी. सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों पर महिलाओं की लंबी-लंबी कतार लग गयी थी. कई स्थानों पर वृद्ध महिलाओं को भी सहारा देते हुए साथ लेकर बेटियां व बहुएं मतदान केंद्र पहुंची. सहरसा रोड स्थित मध्य विद्यालय बूथ पर मौजूद 80 वर्षीय सावित्री देवी ने कहा कि हमने हर चुनाव में वोट दिया है, इस बार भी विकास के लिए वोट डाला. वहीं कॉलेज चौक क्षेत्र में पहली बार वोट देने पहुंची छात्रा प्रिया कुमारी ने कहा कि हमारी पीढ़ी अब बदलाव चाहती है. -उम्मीद, विश्वास और बदलाव की नयी सुबह की ओर- दोपहर के समय बूथों पर थोड़ी सुस्ती जरूर दिखी, पर शाम ढलते ही फिर मतदाताओं की भीड़ उमड़ पड़ी. प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. महिला मतदाताओं की भीड़ को देखते हुए कई बूथों पर महिला कर्मियों की तैनाती थी. जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र में लगभग ……………… प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. पूरे दिन मतदान शांतिपूर्ण रहा. गांवों में माहौल किसी उत्सव जैसा था. महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सज-संवरकर मतदान केंद्र पहुंचीं. कहीं बेटी ने मां का हाथ थामा, तो कहीं बहुओं ने सास के साथ कतार में लगकर लोकतंत्र का सम्मान किया. मधेपुरा की आधी आबादी ने इस चुनाव में मन से लोकतंत्र के महापर्व मनाया.
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