मुरलीगंज. प्रखंड क्षेत्र के बलुआहा नदी में अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि आसपास के ग्रामीणों को भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है. रामपुर के ग्रामीणों का कहना है कि नदी के किनारे जो पांच से सात फीट ऊंचा बालू का ढेर प्राकृतिक रूप से जमा था, उसे लगातार काटा जा रहा है. इससे नदी की प्रवाह दिशा प्रभावित हो रही है और बारिश के मौसम में जब जलस्तर बढ़ेगा, तो पानी सीधे गांव में घुस सकती है. जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है. ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा रामपुर वार्ड 13 के वार्ड सदस्य प्रतिनिधि विवेक यादव ने बताया कि बलुआहा नदी के दोनों किनारों पर बिहार सरकार की लगभग 200 एकड़ भूमि है. इस जमीन पर अवैध रूप से बालू खनन किया जा रहा है, जिससे न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान हो रहा है, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों का भी दोहन हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस मामले को कई बार खनन विभाग के अधिकारियों के समक्ष उठाया गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई खनन विभाग का दावा इस मामले में जिला खनन विभाग ने स्पष्ट किया है कि मुरलीगंज प्रखंड से होकर बहने वाली किसी भी नदी घाट की नीलामी नहीं की गयी है. इसका सीधा अर्थ है कि जो भी बालू निकाला जा रहा है, वह पूरी तरह अवैध है. कार्रवाई का आश्वासन खनन पदाधिकारी आनंद प्रकाश ने बताया कि मार्च क्लोजिंग के कारण कार्यालय में अत्यधिक कार्यभार बढ़ा हुआ है, लेकिन जल्द ही मामले की जांच कर कार्रवाई की जायेगी. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि यह केवल आश्वासन मात्र है, जब तक प्रशासन सख्त कदम नहीं उठाएगा, तब तक अवैध खनन जारी रहेगा. ग्रामीणों की मांग रामपुर सहित आसपास के गांवों के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि बलुआहा नदी में हो रहे अवैध बालू खनन पर तुरंत रोक लगायी जाय और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय .
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