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नहर की जमीन पर कब्जा कर बनाये गये खेत और कई आवास, विभाग बनी है मुकदर्शक

प्रखंड का मुख्य नहर हो उप वितरनी, माइनर हो छहर सभी पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा बदस्तूर जारी है.

71 राजस्व गांव के बंजर भूमि को उपजाउ बनाने के लिये नहर, छहर व माइनर का हुआ था निर्माण, अब अतिक्रमणकारियों का है कब्जा

कुमारखंड (मधेपुरा). प्रखंड का मुख्य नहर हो उप वितरनी, माइनर हो छहर सभी पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा बदस्तूर जारी है. दबंगों ने छहरों व नालों पर कब्ज़ा कर खेतों में तब्दील कर दिया तो सैकड़ों भूमिहीन दलित परिवार के साथ-साथ अन्य नहरों पर आवास का निर्माण कर गुजर बसर करने लगे हैं.

जानकारी के अनुसार, प्रखंड के 71 राजस्व गांव के बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के उद्देश्य से जल संसाधन विभाग के लघु सिंचाई विभाग द्वारा कोरियापट्टी, त्रिवेणीगंज, मुरलीगंज व जानकीनगर डिविजन में बांट कर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से नहरों, छहरों व माइनरों का निर्माण कराया गया था, लेकिन जल संसाधन विभाग व प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण लघु-सिंचाई के तहत निर्मित नहरों, छहरों व माइनरों से खेतों तक पानी पहुंचना जहां दुर्लभ हो गया. वहीं नहर, छहर व माइनरों पर दबंगों का कब्ज़ा शुरू हो गया. इसके विरुद्ध न तो सिंचाई विभाग ने कुछ किया और न ही सरकारी संपत्ति व लोगों के सुरक्षा के जिम्मेवार पुलिस पदाधिकारी वैसे अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की. अब ऐसी स्थिति है कि विभाग के अधिकारी को अब कई नहर से निकलने वाले छहरों व नाले को तलाशना भी मुश्किल हो गया है. कुमारखंड के रामगंज, भतनी, कुपाड़ी, परमानंदपुर, बेलासदी, इसरायण, मंगरवारा, रहटा, लक्ष्मीपुर, केवटगामा समेत दर्जनों गांव में दबंगों ने माइनरों, नालों को काटकर खेत बना लिया है. कहीं-कहीं बचे अवशेष से नहर के नालों व छहरों की पहचान हो रही है. इतना ही नहीं जेबीसी व एमबीसी मुख्य नहर समेत गंगापुर उप वितरनी, गोपीपुर उप वितरनी, मुरलीगंज उप वितरनी, गुड़िया माइनर, रानीपट्टी उप वितरनी, सुखासन माइनर के कई स्थानों पर लोगों ने तो आवास निर्माण कर रहना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं कहीं-कहीं तो आम केला के पेड़ समेत बांस की झाड़ी व सब्जी की खेती तक देखने को मिल रहा है. मामला यहीं तक नहीं है मंगरवारा, सिकरहटी, मधैली आदि स्थानों पर बने सिंचाई विभाग के भवन को भी लोगों ने कब्जा कर आवास व दुकानों में तब्दील कर दिया है. सरकारी संसाधनों पर लोगों को कब्ज़ा करता देख स्थानीय पुलिस प्रशासन भी मौन धारण किये रहती है. इसका परिणाम यह है कि नहरों, छहरों व नालों के जमीन पर दबंगों का कब्ज़ा बदस्तूर जारी है.

नहर की जमीन में हो रहा है आवास का निर्माण

प्रखंड के जेबीसी व एमबीसी नहर समेत गंगापुर उप वितरनी, गोपीपुर उप वितरनी, मुरलीगंज उप वितरनी, गुडिया माइनर, रानीपट्टी उप वितरनी, सुखासन माइनर के कई स्थानों पर लोगों ने तो आवास निर्माण कर वर्षों से जहां वास करते आ रहे हैं. वहीं अब अन्य लोगों द्वारा भी बेरोक टोक आवास निर्माण कार्य शुरू कर दिया है.

परियोजना के भवनों पर दबंगों का कब्जा

सिंचाई विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारी के नहीं रहने के कारण मंगरवारा के रहटा टोला, सिहपुर गढ़िया के सिकरहटी, श्रीपुर व शंकरपुर सीमा पर मधैली में निर्मित सिंचाई परियोजना के खाली पड़े भवनों पर दबंगों का कब्ज़ा है. उसे पशु सेड अथवा अन्य कार्यों के लिए उपयोग में लाया जा रहा है.

छहरों और नाले हुए खेत में तब्दील

प्रखंड के रामगंज, भतनी, कुपाड़ी, परमानंदपुर, बेला सदी, इसरायण, मंगरवारा, रहटा, लक्ष्मीपुर, केवटगामा समेत दर्जनों गांव में छहरों व नाले को काटकर खेत में तब्दील कर दिया है.

बीस फीसद खेतों की सिंचाई

अतिक्रमण के कारण सिंचाई विभाग के नहरों से मात्र बीस फीसद खेतों तक ही पानी पहुंच रहा है. खेतों की सिंचाई के लिये किसानों को वैकल्पिक उपाय के तौर पर ट्यूबवेल, गढ़े आदि के पानी से पंपसेट के माध्यम से खेतों की सिंचाई करना पड़ रहा है.

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