कुमारखंड. कुमारखंड में पशु चिकित्सालय से हमेशा डॉक्टर गायब मिलता है, जिससे विभिन्न पंचायतों के पशुपालक पशुओं की बीमारी से परेशान हैं. डॉक्टरों के अभाव में मवेशियों का उचित इलाज नहीं हो पा रहा है. पशुपालकों को बिना इलाज के ही लौटना पड़ रहा है.पशुपालकों का कहना है कि पशु चिकित्सालय पर अक्सर ताला लगा रहता है, जिससे आसपास के गांव से आए ग्रामीणों को इलाज के लिए प्राइवेट डॉक्टर के पास जाना पड़ता है. डॉ प्रवीन प्रभाकर की नियुक्ति होने के बावजूद डॉक्टर कभी-कभी ही चिकित्सालय आते हैं.गर्मी के दिनों में मवेशियों में बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा, पशुपालकों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. राज्य सरकार निशुल्क टीकाकरण और पशुओं को बचाने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन अधिकारियों और डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण पशुपालकों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
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