बीएनएमयू के छठे दीक्षांत समारोह में कुलपति ने कुलाधिपति का किया स्वागत
विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का लेखा-जोखा किया प्रस्तुतकहा – 70 टाॅपर्स में छात्राओं की संख्या बेहतर, महिला शिक्षा जागरूकता के प्रति विश्वविद्यालय प्रतिबद्ध
विश्वविद्यालय में सभी परीक्षाओं का आयोजन व परीक्षाफल ससमय हो रहा प्रकाशितमधेपुरा
भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलपति प्रो विमलेंदू शेखर झा ने कहा कि बिहार के सुदूर कोसी व सीमांचल क्षेत्र में शिक्षा की ज्योति जलाने के उद्देश्य से 10 जनवरी 1992 को विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी. कोसी प्रमंडल के तीन जिलों मधेपुरा, सहरसा व सुपौल जिले के महाविद्यालयों के सभी संकायों के तीन सत्रों के स्नातकोत्तर व पीएचडी उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को दीक्षांत समारोह में उपाधि व प्रमाण पत्र वितरित किया गया. इन तीन सत्रों में कुल 70 टॉपर्स हैं, जिनमें से विभिन्न विषयों के 54 छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किये. इसमें छात्राओं की अच्छी संख्या है, जो महिलाओं में शिक्षा के प्रति जागरूकता और महिला सशक्तीकरण की दिशा में विकास की परिचायक है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से गजट में प्रकाशित तिथियों व कुलाधिपति द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुरूप सभी परीक्षाओं का आयोजन व परीक्षाफल प्रकाशन ससमय किया गया है.एक वर्ष में 50 परीक्षाओं का हुआ आयोजन, 44 के परिणाम घोषित
कुपपति ने बताया कि एक वर्ष के भीतर विश्वविद्यालय की ओर से विभिन्न पाठ्यक्रमों की 50 परीक्षाओं का आयोजन किया गया है. इसमें से 44 परीक्षाओं के परिणाम घोषित किये जा चुके हैं और शेष परीक्षाओं का परीक्षाफल शीघ्र ही प्रकाशित किया जायेगा. कुलपति ने कहा कि राज्यपाल के निर्देशन में बीएनएमयू ने सभी शिक्षकों, पदाधिकारियों, प्रधानाचार्यों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं के समन्वित सहयोग से सत्र नियमितीकरण की दिशा में एक कीर्तिमान स्थापित किया है. आज विश्वविद्यालय सत्र नियमितीकरण में शीर्ष पर है. विश्वविद्यालय में शोध व अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय और ई-पुस्तकालय को प्रशासनिक परिसर से शैक्षणिक परिसर के नवनिर्मित भवन में स्थानांतरित करते हुए व्यवस्थित किया जा चुका है. इसका लाभ स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों और शोधार्थियों को मिल रहा है.
पीएम उषा से मिला है 30 करोड़ का अनुदान
कुलपति ने कहा कि कि हाल ही में प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत विश्वविद्यालय को ‘ग्रांट्स टू स्ट्रेन्थेन यूनिवर्सिटीज’ के मद में 20 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ है. इसमें से लगभग 15 करोड़ की लागत से एक जी प्लस फोर अकादमिक सह अनुसंधान भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके साथ ही दो अंगीभूत महाविद्यालयों एचएस कॉलेज उदाकिशुनगंज और एमएचएम कॉलेज सोनवर्षा को भी पीएम उषा के तहत पांच-पांच करोड़ रुपये के अनुदान प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा एलएनएमएस कॉलेज बीरपुर को भी बिहार सरकार द्वारा अवसंरचनात्मक विकास के लिए सात करोड़ सत्तर लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है.50 से अधिक छात्र नेट व सीएसआइआर में हुए सफल
कुलपति ने कहा कि यह गर्व की बात है कि यहां के फेकल्टी मेंबर्स को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे यूजीसी, डीएसटी, बीआरएनएस और सीइआरएन, जेनेवा, स्विट्जरलैंड से स्वीकृत मेजर रिसर्च प्रोजेक्ट प्राप्त हुए हैं और वर्तमान में चल रहे हैं. विश्वविद्यालय ने कॉलेबोरेटिव रिसर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई इंडस्ट्रीज और अकादमिक संस्थानों के साथ समझौता किया गया है. इससे आने वाले समय में यहां शोध और अनुसंधान में गुणात्मक विकास को गति मिलेगी. उन्होंने बताया कि इस वर्ष पहली बार यहां के छात्र सीएसआइआर द्वारा फेलोशिप प्राप्त करने में सफल रहे हैं. पिछले एक वर्ष में यहां के 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने यूजीसी नेट और सीएसआइआर परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है, जो यहां के शैक्षिक वातावरण में गुणात्मक सुधार को प्रदर्शित करता है.
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