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बनेगा शोध पीठ व रंगमंच

बनेगा शोध पीठ व रंगमंच — प्रभात खास —फोटो- कैंपस गेट का दे -खुशखबरी. बीस करोड़ की राशि से होगा हिंदी विभाग का उन्नयन, -बीएनएमयू में जनसंचार व पत्रकारिता कोर्स भी होगा प्रारंभ प्रतिनिधि, मधेपुरासब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगले वर्ष भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में शोध पीठ की स्थापना हो जायेगी. इसके साथ […]

बनेगा शोध पीठ व रंगमंच — प्रभात खास —फोटो- कैंपस गेट का दे -खुशखबरी. बीस करोड़ की राशि से होगा हिंदी विभाग का उन्नयन, -बीएनएमयू में जनसंचार व पत्रकारिता कोर्स भी होगा प्रारंभ प्रतिनिधि, मधेपुरासब कुछ ठीक ठाक रहा तो अगले वर्ष भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में शोध पीठ की स्थापना हो जायेगी. इसके साथ ही विवि में बहू प्रतिक्षित शोधपीठ की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है. वहीं जनसंचार तथा पत्रकारिता कोर्स भी प्रारंभ हो जायेगा. विवि अनुदान आयोग के निर्देशानुसार हिंदी विभाग का उन्नयन भी होना है. विवि परिसर स्थित पीजी हिंदी विभाग का उन्नयन भी होना है. इस दिशा में विवि प्रशासन ने कवायद तेज कर दी हैं. इससे पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के संयुक्त सचिव डा उर्मिला देवी ने विवि प्रशासन को पत्र लिख कर हिंदी विभाग के उन्नयन को लेकर प्रस्ताव बना कर भेजने का निर्देश दिया था. इस पत्र के आलोक में पीजी हिंदी विभाग के तत्कालीन विभागाध्यक्ष डा विनय कुमार चौधरी ने बारहवीं योजना में विवि हिंदी विभाग के उन्नयन हेतु प्रस्ताव विवि प्रशासन को समर्पित कर दिया है. वहीं सीसीडीसी डा जेएन राय ने पुन: हिंदी विभाग को इसका प्रोजेक्ट बनाने के लिए कहा. इस दिशा में हिंदी विभाग के साथ-साथ विवि प्रशासन युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है. हिंदी विभाग जैसे ही प्रोजेक्ट बना कर विवि को समर्पित करेगी. इसे विवि अनुदान आयोग को भेज दिया जायेगा. इसके बाद विवि अनुदान आयोग कमेटी बना कर इसे स्वीकृत करेगी और विवि के लिए हिंदी विभाग के उन्नयन पर खर्च होने वाली करीब बीस करोड़ की राशि अनुदान के रूप में देगी. बारहवीं योजना से होना है हिंदी विभाग का उन्नयन विवि अनुदान आयोग के संयुक्त सचिव डा उर्मिला देवी ने कुलसचिव को भेजे पत्र में कहा है कि विवि अनुदान आयोग 12 वीं पंचवर्षीय योजना में आयोग से अनुदान प्राप्त कर केंद्रीय, राज्य व मानित विवि में हिंदी विभाग की स्थापना एव उन्नयन हेतु प्रयत्नशील है. वैश्वीकरण के प्रतिस्पर्धात्मक युग में हिंदी भाषा और साहित्य के बहुआयानी विकास एवं संवर्धन के लिए हिंदी शिक्षा को समाज उपयोगी व रोजगारोन्मुखी बनाने के लिए साथ-साथ उसका समन्वय महत्वपूर्ण है. संयुक्त सचिव ने कहा है कि यदि आपके विवि में अभी तक हिंदी विभाग नहीं है अथवा विवि के अन्य समृद्ध विभागों के समकक्ष एवं समरूप नहीं है तो विवि अनुदान आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध बारहवीं योजना में विवि में हिंदी विभाग की स्थापना एवं उन्नयन के अनुसार निर्धारित प्रारूप में अपना प्रस्ताव आयोग के विचारार्थ प्रेषित करें. उन्नयन को लेकर हिंदी विभाग ने भेजा प्रस्ताव हिंदी विभाग ने विवि प्रशासन को बारहवीं योजना में हिंदी विभाग के उन्नयन को लेकर प्रस्ताव भेज दिया है. जिसमें हिंदी विभाग ने कहा है कि विवि अनुदान आयोग दिल्ली के निर्देश के आलोक में प्रस्ताव बनाया गया है. इसके लिए विवि अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक पद भी अनिवार्य है. इसमें मुख्य रूप से प्रोफेसर का एक, एसोसिएट प्रोफेसर का दो, ऐसिस्टेंट प्रोफेसर का चार पद है. इन पदों के वेतनमान पर 80 लाख अनुमानित व्यय निर्धारित है. इसके अलावा ढ़ांचागत सुविधाएं जैसे भवन निर्माण पर दस करोड़, उपकरण क्रय पर दस लाख, पुस्तक पत्र व पत्रिका पर दस लाख एवं संगोष्ठी सम्मेलन के आयोजन पर एक लाख रूपया वार्षिक खर्च आयेगा. हिंदी विभाग में शुरू होगा रचनात्मक व नवाचार पाठ्यक्रम हिंदी विभाग ने भेजे गये प्रस्ताव में जन संचार तथा पत्रकारिता कोर्स के साथ, अनुवाद, रचनात्मक एवं नवाचार पाठ्यक्रम को शुरू करने पर बल दिया है. इसके अलावा डिप्लोमा पाठ्यक्रम में भारतीय भाषा शिक्षण पाठ्यक्रम एवं समाचार वाचन स्क्रीफट लेखन व नाटक के लिए रंग मंच बनाने की बात प्रस्ताव में कही गयी है. साथ ही साथ प्रस्ताव में अंतरानुशासनिक शोध पीठ बनाने की चर्चा की गयी है. वर्जन हिंदी विभाग के उन्नयन को लेकर विवि अनुदान आयोग के संयुक्त सचिव का पत्र विवि को प्राप्त हुआ. इस आलोक में हिंदी विभाग को पत्र लिख कर विस्तृत रूप से प्रोजेक्ट रूप तैयार करने को कहा गया है. वह प्रोजेक्ट रिपोर्ट विवि अनुदान आयोग को जल्द से जल्द भेजा जायेगा. डाॅ जेएन राय, सीसीडीसी, भूपेंद्र नारायण मंडल विवि, मधेपुरा.

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