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तीन साल से वैक्सीनेटरों को नहीं हुआ भुगतान, आक्रोश

मधेपुरा : जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्र में पशु टीकाकरण करने वाले अधिकतर वैक्सीनटरों को विगत तीन साल से भुगतान नहीं किया गया है. भुगतान के लिए तय तिथि सोमवार को भी जब वैक्सीनेटरों को भुगतान नहीं मिला तो वे आक्रोशित हो गये. उन्होंने शीघ्र भुगतान नहीं किये जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी. जिला […]

मधेपुरा : जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्र में पशु टीकाकरण करने वाले अधिकतर वैक्सीनटरों को विगत तीन साल से भुगतान नहीं किया गया है. भुगतान के लिए तय तिथि सोमवार को भी जब वैक्सीनेटरों को भुगतान नहीं मिला तो वे आक्रोशित हो गये. उन्होंने शीघ्र भुगतान नहीं किये जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी.

जिला पशुपालन कार्यालय पहुंचे वैक्सीनेटरों ने बताया कि वे लोग ग्रामीण क्षेत्रों में घूम-घूम कर पशुओं को टीका लगाने का काम करते हैं. कार्य दिवस के अनुसार उन्हें भुगतान किया जाना है. लेकिन अधिकतर वैक्सीनेटरों को विगत तीन साल से कोई भुगतान नहीं किया गया है.

वहीं कुछ ने बताया कि 2013 तक उन्हें भुगतान किया गया है लेकिन उसके बाद नहीं किया गया. वैक्सीनेटर भुगतान करने में देरी का कारण जिला पशुपालन कार्यालय की कार्यशैली को बता रहे हैं. मधेपुरा क्षेत्र के वैक्सीनेटर मो दिलनवाज, मो अब्दुल कुदूस, गम्हरिया के अश्विनी कुमार, घैलाढ़ के रविशंकर कुमार, मधेपुरा के ही गणेश राम और सुरेश यादव आदि ने बताया कि कार्यालय में भुगतान के लिए आवंटन मौजूद रहने के बावजूद भुगतान नहीं किया जाता है.

कार्यालय में हर काम के लिए कमीशन की मांग की जाती है. इसलिए भुगतान करने में नुक्ताचीनी की जाती है. — काम ज्यादा, पर पैसा कम — वैक्सीनेटरों ने बताया कि उन्हें एक कार्य दिवस में एक सौ पशु का टीकाकरण करना है. एक पशु के टीकाकरण के लिए उन्हें 1.87 रूपये का भुगतान किया जाता है.

एक सौ पशु के लिए उन्हें 187.50 रूपये का भुगतान किया जाता है. लेकिन मामले एक पेंच और फंसा है. एक वैक्सीनेटर एक कार्यदिवस में एक सौ पशु से कहीं ज्यादा पशुओं का टीकाकरण करते हैं लेकिन भुगतान उन्हें एक सौ पशु की दर से ही किया जाता है. कुमारखंड के करूवैली के उत्तीम लाल यादव कहते हैं कि रोजगार के विकल्प में वैक्सीनेटर का काम करने वाले इन लोगों का जीवन यापन भगवान भरोसे ही होता है. वरना ा लोग तो मेहनत की कमाई से भी हिस्सा ले लेते हैं.

दिनेश मेहता बताते हैं कि काम पूरे वर्ष नहीं होता. जब भी उन्हें बुलाया जाता है तो वे यह काम कर लेते हैं. हालांकि महीने में मुश्किल से पंद्रह से बीस दिन का काम होता है. हालांकि सोमवार को भी भुगतान नहीं होने से वैक्सीनेटर निराश थे. दुर्गा पूजा में बच्चे कपड़े की आस लगाये हैं. वे क्या जवाब देंगे. ऐसे में आक्रोश पनपना लाजिमी है. — वर्जन —-‘ आवंटन के अभाव के कारण राशि का भुगतान नहीं किया जा सका.

सात लाख 29 हजार 558 रूपये का आवंटन प्राप्त हुआ है. 28 अक्टूबर से वितरण शुरू कर दिया जायेगा.’- उपेंद्र नारायण प्रसाद सिंह, डीएएचओ, मधेपुरा 28 से वैक्सीनेटरों को भुगतान जिले में पशु टीकाकरण के कार्य में लगाये गये निजी वैक्सीनेटरों को लंबित भुगतान कर दिया जायेगा. इसके बारे में जिला पशुपालन पदाधिकारी उपेंद्र नारायण प्रसाद सिंह ने बताया कि 28 अक्टूबर से भुगतान शुरू कर दिया जायेगा. 28 को कुमारखंड, मुरलीगंज और गम्हरिया का भुगतान होगा. 29 को सिंहेश्वर, मधेपुरा, शंकरपुर और बिहारीगंज क्षेत्र के वैक्सीनेटर का भुगतान होगा.

30 अक्टूबर को ग्वालपाड़ा, उदाकिशुनगंज, आलमनगर, चौसा और पुरैनी का भुगतान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि प्रखंड के बीएएचओ एवं टीवीओ की पहचान पर ही संबंधित प्रखंड के वैक्सीनेटरों को मानदेय का भुगतान किया जायेगा. छह दिनों के लिए बंद रहेगा पशु चिकित्सालय जिला पशु चिकित्सालय में आज से दुर्गा पूजा और मुहर्रम को लेकर छह दिनों की छुट्टी कर दी गयी है. जिला पशुपालन पदाधिकारी उपेंद्र नारायण प्रसाद सिंह ने बताया कि कार्यालय 20 अक्तूबर से 25 अक्टूबर तक बंद रहेगा. हालांकि छुट्टियों के दौरान कार्यालयी कार्य नहीं होंगे लेकिन प्रखंड मुख्यालय के पशु चिकित्सालयों में चिकित्सक मौजूद रहेंगे.

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