11.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

अस्पताल कर्मियों की लापरवाही ने ले ली बच्ची जान, बगैर इलाज के हो गयी मौत

मधेपुरा : बिहार में मधेपुरा के सदर अस्पताल में डॉक्टर व कर्मियों की लापरवाही के कारण सोमवार को एक बच्ची की मौत हो गयी. चाची मानकी देवी ने बताया कि बच्ची को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. जैसे-तैसे सदर अस्पताल मधेपुरा लेकर आये, लेकिन अस्पताल में पुर्जा कटवाने से लेकर डॉक्टर से मिलने […]

मधेपुरा : बिहार में मधेपुरा के सदर अस्पताल में डॉक्टर व कर्मियों की लापरवाही के कारण सोमवार को एक बच्ची की मौत हो गयी. चाची मानकी देवी ने बताया कि बच्ची को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. जैसे-तैसे सदर अस्पताल मधेपुरा लेकर आये, लेकिन अस्पताल में पुर्जा कटवाने से लेकर डॉक्टर से मिलने तक के चक्कर में बच्ची की मौत हो गयी. चाची शव लेकर भटकती रही और डॉक्टर ने अस्पताल का पुर्जा कटने से पहले मौत होने का हवाला दे दिया.

सुबह दस बजे पहुंची सदर अस्पताल, साढ़े 12 बजे हुई बच्ची की मौत
सहरसा के सोनबरसा प्रखंड की 15 दिन पूर्व जन्मी नवजात रेनू मधेपुरा सदर प्रखंड के बालम गढ़िया निवासी वीरन सादा व पुनकी देवी की पुत्री थी. बच्ची की चाची मानकी देवी ने बताया कि रेनू की मां पुनकी देवी ने 15 दिन पूर्व सहरसा के सोनबरसा प्रखंड अंतर्गत जलसीमा स्थित अपने मायके में उसे जन्म दिया था. उन्होंने बताया कि बच्ची को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी. उसका इलाज कराने उसे लेकर उसकी मां सोमवार को मधेपुरा अपने ससुराल पहुंची. पुनकी देवी को शारीरिक परेशानी होने के कारण रेनू को लेकर उसकी चाची सुबह 10 बजे सदर अस्पताल के इमरजेंसी काउंटर पर पहुंची. वहां से ओपीडी फिर विभिन्न कक्ष भटकते हुए वह बच्चों के डॉक्टर के कक्ष पहुंचे. डॉक्टर अनुपस्थित थे. इस बीच बच्ची की हालत बिगड़ती गयी और साढ़े 12 बजे उसकी मौत हो गयी.

इमरजेंसी से भेजा ओपीडी, वहां नहीं थे डॉक्टर
मानकी ने बताया कि सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग पहुंचने पर वहां कर्मियों ने बताया कि इमरजेंसी वार्ड में बच्चे के डॉक्टर नहीं रहते हैं. उसके बाद कर्मियों ने उन्हें ओपीडी वार्ड में जाने को कहा. इस बीच इमरजेंसी वार्ड के कर्मी रेनू का पुर्जा काटने तक को तैयार नहीं हुए. कर्मियों द्वारा कहे जाने पर वह ओपीडी वार्ड पहुंची. वहां पर भी उन्हें कर्मियों के द्वारा कहे जाने पर इधर-उधर भटकना पड़ा. कभी उन्हें रूम नंबर 10 बताया जाता, तो कभी उन्हें रूम नंबर 12 बताया जाता था. इसके बाद उन्हें बच्चे के डॉक्टर के वार्ड में जाने को कहा गया. जब वह बच्चा डॉक्टर वार्ड में पहुंची, तो वहां डॉक्टर साहब उपस्थित नहीं थे.

डॉक्टर को अनुपस्थित देख और रेनू की गंभीर स्थिति को देख रेनू की चाची रेनू को पुन: इमरजेंसी वार्ड लेकर पहुंची जहां उन्होंने कर्मियों को रेनू की गंभीर स्थिति के बारे में बताया. इसके बाद कर्मियों ने पुर्जा तो काट दिया, लेकिन उन्हें कहा गया कि बच्चे को डॉक्टर यहां देखेंगे कि नहीं पता नहीं. महिला बच्ची को गोद में लेकर भटकती रही. चाची रेनू को लेकर ओपीडी वार्ड पहुंची जहां पर वहांं मौजूद गार्ड ने उन्हें लाइन में इलाज कराने की नसीहत दी. रेणु का नंबर आते-आते, डॉक्टरों से इलाज कराने तथा पुर्जा कटवाने की भाग दौड़ में रेनू पीड़ा को सहन नहीं कर पायी और डॉक्टर के द्वारा इलाज कराने से पूर्व ही उसकी मौत हो गयी.

ये भी पढ़ें…अविवाहित प्रेमिका ने बच्चे को दिया जन्म, इस वजह से किया अपनाने से इन्कार, जानें… पूरा मामला

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel