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सिंहेश्वर न्यास की जमीन का हो रहा है अतिक्रमण, नहीं हो रही कोई कार्रवाई
सुशांत सिंहेश्वर : जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर में बाबा सिंहेश्वर बहुत बड़े जमींदार हैं, लेकिन सैंकड़ों एकड़ जमीन के मालिक भोले बाबा की जमीन को उनके ही भक्तों ने अतिक्रमित कर रखा है. वैसे तो सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति ने जमीन अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ पहले भी कई बार अभियान चलाने का निर्णय […]
सुशांत
सिंहेश्वर : जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर में बाबा सिंहेश्वर बहुत बड़े जमींदार हैं, लेकिन सैंकड़ों एकड़ जमीन के मालिक भोले बाबा की जमीन को उनके ही भक्तों ने अतिक्रमित कर रखा है. वैसे तो सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति ने जमीन अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ पहले भी कई बार अभियान चलाने का निर्णय लिया लेकिन अब तक यह अभियान कागजों तक ही सीमति रहा. अतिक्रमण हटाने की पहल नहीं हुई. इसी कड़ी में एक बार फिर न्यास ने सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की जमीन का सीमांकन करने के लिये सीओ को अमीन प्रतिनियुक्त करने का अनुरोध करने की औपचारिकता की है.
सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के व्यवस्थापक ने सिंहेश्वर अंचल अधिकारी को एक पत्र दिया है.
दिनांक 05-12-2017 को दिये गये पत्र कहा गया है कि सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति सिंहेश्वर की 28 अगस्त 2016 को हुई बैठक में लिये गये प्रस्ताव संख्या पांच के अनुसार सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति की मौजा गौरीपुर स्थित स्थित सभी जमीन की मापी कर अवैध दखलकर्ता के जमीन खाली कराकर न्यास की जमीन का सीमाकरण करना है. सिंहश्वर मंदिर न्यास समिति सिंहेश्वर की मौजा गौरीपुर स्थित जमीन की मापी हेतु अंचल अमीन सिंहेश्वर को प्रतिनियुक्त किया जाये.
पांच साल पहले भी चला था न्यास का हवा हवाई अभियान. पांच वर्ष पहले 2012 में तत्कालीन न्यास समिति के व्यवस्थापक न्यास की जमीन के अतिक्रमणकारियों की पहचान कर जमीन का ब्योरा तैयार कर लिया गया था. न्यास की ओर से अतिक्रमित जमीन खाली कराने के लिये कई बार सीओ तथा थानाध्यक्ष सिंहेश्वर को पत्र भी लिखा गया था. अंतिम कार्रवाई के लिये सिंहेश्वर न्यास समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जस्टिस एस सी मुखर्जी एवं धार्मिक न्यास परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष किशोर कुणाल से दिशा-निर्देश भी लिये जाने की बात कही जा रही थी.
तब भी नहीं हुई थी पूरी मापी . न्यास समिति ने अतिक्रमणकारियों की पांच साल पहले तैयार की गयी सूची भी बहुत पहले ही करायी गयी मापी के आधार पर तैयार की थी. न्यास के अनुसार तब भी यह मापी पूर्ण नहीं हो सकी थी. न्यास की जमीन संपूर्ण गौरीपुर मौजा में है. अगर पूरे मौजा की संपूर्ण मापी करायी जाये तब और स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी तथा न्यास की और जमीन निकलने की संभावना है.
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