Liquor Ban In Bihar: बिहार में शराबबंदी का मुद्दा अचानक सियासी गलियारों में सबसे ज्यादा सुनने को मिलने लगता है. कुछ दिनों की खामोशी के बाद ‘नेताजी’ शराबबंदी पर राग छेड़ देते हैं. एक बार फिर पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya Choudhary) ने शराबबंदी (Liquor Ban) के फैसले पर बिहार सरकार (Nitish Government) को घेरा. प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी ने शनिवार को ट्वीट करके राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया. जबकि, शराबबंदी पर राज्य सरकार को घेरा. हालांकि, ट्विटर यूजर्स ने उलटे पुष्पम प्रिया चौधरी की जबरदस्त क्लास लगा दी.
पुष्पम प्रिया चौधरी ने ट्वीट में क्या लिखा?
बिहार चुनाव के प्रचार के दौरान भी प्लुरल्स पार्टी की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया चौधरी सरकार बनने पर शराबबंदी खत्म करने की बात करती सुनी जाती थी. चुनाव रिजल्ट में भीषण हार के बाद पुष्पम प्रिया चौधरी ने ट्वीटर को चुना और अपनी बात कहती रहीं. शनिवार को भी पुष्पम प्रिया चौधरी ने ट्वीट करके लिखा- ‘नकली नेताओं द्वारा गांधीजी को उद्धृत करना फैशन है. सीएम नीतीश कुमार भी बेतुकी शराबबंदी पॉलिसी के बचाव में यही करते हैं. गांधीजी ने यह भी कहा है, जो परिवर्तन चाहते हैं पहले खुद करें. बदलाव हृदय परिवर्तन से. खुद गोडसे पंथ से मिले हैं और जनता को जबरन गांधी बना रहे हैं.’ पुष्पम प्रिया चौधरी ने ट्वीट तो कर डाला. लेकिन, ट्विटर यूजर्स ने उनकी जबरदस्त क्लास लगा दी.
यूजर्स ने कर डाले अजब-गजब कमेंट्स
प्लुरल्स की प्रेसिडेंट पुष्पम प्रिया के ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा- ‘पहले आप गांधी जी को पढ़िए फिर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए. मतलब कुछ भी.’ एक अन्य यूजर ने लिखा- ‘बताओ, हमको लगा कि एक पढ़ी-लिखी नेता पॉलिटिक्स में आई है. कुछ अच्छा करेगी या कम से कम अच्छा और सही तो जरूर बोलेगी. लेकिन ये तो कुछ और ही निकली. राजनीति हलवा नहीं है जमीनी स्तर से काम कीजिए. जनता की सेवा कीजिए तब कुछ काम बने. सबकी किस्मत केजरीवाल की तरह नहीं होती.’ दूसरे यूजर ने लिखा- ‘तो आप बनने तो गई थी असली नेता. जनता ने जमानत जब्त करवा कर घर बैठा दिया.’
शराबबंदी को सही ठहरा चुके हैं सीएम नीतीश
बिहार में शराबबंदी का मुद्दा सियासी तपिश झेलता रहता है. पिछले दिनों सदन में सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर कांग्रेसी नेताओं की जमकर खबर ली थी. सीएम नीतीश कुमार कई मौके पर शराबबंदी को सही ठहरा चुके हैं. सीएम नीतीश कुमार के मुताबिक शराबबंदी का फैसला व्यक्तिगत नहीं है. यह बिहार की जनता की भलाई के लिए है. दूसरी तरफ पुष्पम प्रिया अचानक शराबबंदी का राग छेड़ बैठती हैं. पहले भी वो शराबबंदी पर बयान दे चुकी हैं. इस बार बयान उन पर ही भारी पड़ गया.