भागलपुर. बीएसएनएल जो भी चमकता सितारा था, अभी मोबाइल टावर चलाने के लिए डीजल की उधारी तक चुकाने की आर्थिक स्थिति में नहीं है. उधार बढ़ने पर डीजल मिलना बंद हो गया है. इस कारण बीएसएनएल के लगभग सभी मोबाइल टावर बिजली के भरोसे रह गये हैं. हालांकि मोबाइल टावर में बैट्री लगा है मगर बिजली कटने पर ज्यादा देर तक बैकअप नहीं मिलता है. कुछ जगहों पर तो बैट्री अपनी आयु पूरी कर चुका है. यहां पर बिजली बंद होते ही मोबाइल टावर बंद हो जाते हैं. इससे कॉलिंग व इंटरनेट सेवा ठप हो जा रही है.
बिजली लाइन ठीक करने व मरम्मत को लेकर ठेका एजेंसी द्वारा फीडरों का शट डाउन लिया जा रहा है. इस वजह से शहर में आये दिन बिजली की लंबी कटौती हो रही है. तार टूट कर गिरने, डिस्क पंक्चर होने व ब्रेकडाउन की स्थिति में भी बिजली ठप रहने लगी है. इसका सीधा प्रभाव बीएसएनएल मोबाइल सेवा पर पड़ रहा है.
जिस पेट्रोल पंप से डीजल लेकर मोबाइल टावर को मेंटेनेंस में रखने का काम होता है, उसका उधार 600 लीटर तक हो गया है. यानी 50 हजार तक का उधार बीएसएनएल पर चढ़ा है. अभी इसके लिए आवंटन नहीं मिला है. बीएसएनएल अधिकारी के अनुसार एक माह में 50-70 हजार रुपये का डीजल जलता है.
भागलपुर-पटना के बीच आॅप्टिकल फाइबर कटने का असर भागलपुर में बीएसएनएल मोबाइल पर पड़ा. लगभग एक घंटे तक मोबाइल से नेटवर्क गायब रहा. इस दौरान कॉलिंग व इंटरनेट सेवा ठप रही. यह दूसरी बार है जब ऑप्टकेल फाइबर कटने से मोबाइल सेवा प्रभावित हुई है. दोपहर 3.15 बजे के करीब मोबाइल सेवा बहाल हुई, तो नेटवर्क आया और कॉलिंग शुरू हुआ.
Posted by Ashish Jha