लखीसराय.
समाहरणालय स्थित मंत्रणा कक्ष में डीएम ने कार्यालय के सभी अधिकारी व कर्मियों के साथ “वंदे मातरम्” सामूहिक स्वर में गाया गया. राष्ट्रगान व राष्ट्रगीत से जुड़ने व राष्ट्रीय चेतना, कर्तव्य बोध तथा संवैधानिक मर्यादाओं के अनुरूप सरकारी तंत्र के व्यवहारिक अनुशासन को मजबूत करने के उद्देश्य से यह सामूहिक कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिलाधिकारी ने इस अवसर पर वंदे मातरम् के ऐतिहासिक महत्व, राष्ट्रीय अस्मिता में इसके योगदान तथा इसके पीछे निहित “उद्देश्य” अर्थात् भावार्थ भारत माता की वंदना, मातृभूमि के प्रति समर्पण भावना, जनसेवा के प्रति निष्ठा, राष्ट्र हित सर्वोपरि तथा लोक कल्याणकारी शासन तंत्र हेतु आवश्यक मनोभाव के विषय में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वंदे मातरम् एक ऊर्जा, एक शक्ति, एक संगठन और एक राष्ट्रीय चेतना का “सिंबॉलिक कोड” बनकर उभरा था. यह केवल एक गीत नहीं बल्कि “राष्ट्र सेवा के लिए मन, बुद्धि और कर्म” की प्रतिज्ञा है. जिलाधिकारी ने सभी कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी सेवा में कार्यरत प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी का प्रथम दायित्व जनता से किये गये वायदे, संवैधानिक कर्तव्य और कानून के शासन के प्रति समर्पित रहना है. उन्होंने कहा कि शासन तंत्र का असली उद्देश्य “ऑउटकम ओरियंटेड गर्वनेंस” है, जिसमें जनता को समय पर, पारदर्शी, त्वरित एवं न्यायपूर्ण सेवा प्रदान करना प्राथमिक लक्ष्य है. जिलाधिकारी ने विशेष रूप से कहा कि कार्यालय का प्रत्येक कर्मचारी देश का प्रतिनिधि है. उनकी कार्यशैली, व्यवहार, भाषा, आचरण, समय पालन एवं जिम्मेदारी सीधे तौर पर सरकार की छवि बनाती है. कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ने कहा कि “वंदे मातरम् केवल गीत नहीं, यह राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिज्ञा है, जिसे हमें प्रतिदिन अपने कार्य के व्यवहार में जीना है.” कार्यक्रम में उप निर्वाचन पदाधिकारी पम्मी रानी एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रवि कुमार जिला स्तरीय सभी अनुभागों के पदाधिकारी, कार्यालय कर्मी उपस्थित रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

