लखीसराय. जनता दल यूनाइटेड को गुरुवार को उस समय बड़ा राजनीतिक झटका लगा, जब पार्टी के प्रदेश सचिव कन्हैया कुमार ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता व प्रदेश सचिव पद से इस्तीफा दे दिया. इस संबंध में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन्होंने किसी निजी कारण से नहीं, बल्कि राजनीतिक सिद्धांतों व नैतिक मूल्यों के सम्मान में लिया है. उन्होंने कहा कि एनडीए समर्थित भाजपा प्रत्याशी विजय कुमार सिन्हा का समर्थन करना उनके लिए संभव नहीं है. विजय सिन्हा ने न केवल गठबंधन की मर्यादा का उल्लंघन किया, बल्कि जदयू के कार्यकर्ताओं व नेताओं के साथ बार-बार अपमानजनक व्यवहार भी किया है. कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि पिछले 18 महीनों में लखीसराय में जदयू संगठन को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर किया गया. कार्यकर्ताओं को हाशिये पर धकेलने की कोशिश की गयी. उन्होंने यह भी कहा कि दिवंगत सियाराम जी की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि सत्ता व धनबल का दुरुपयोग कर उनकी धर्मपत्नी से पद छीना गया. उन्होंने दलित नेताओं के साथ हो रहे व्यवहार को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया. नगर परिषद के चेयरमैन अरविंद पासवान के साथ मंच पर धक्का-मुक्की व एक दलित को हत्या के मामले में फंसाने का प्रयास गठबंधन की भावना के साथ सीधा विश्वासघात है. कन्हैया कुमार का कहना है कि राजनीति में पद से बढ़कर मूल्य और मर्यादा होती है. इन्हीं मूल्यों की रक्षा के लिए उन्होंने जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता व प्रदेश सचिव पद से त्यागपत्र देने का फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि अब वे पूरी ईमानदारी के साथ जनता की आवाज बनकर राजनीतिक संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे.
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