मेदनीचौकी. प्रखंड के टाल क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न पंचायत के हजारों एकड़ जमीन में लगी गेहूं की फसल पक गयी है. किसान कहते हैं कि मजदूर नहीं मिलने के कारण कटनी में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में मजदूरों की किल्लत की वजह से मशीन से गेहूं की कटनी करना मजबूरी बन गया है. गेहूं की खेती अब मैनुअल नहीं रह गया है. फसल का सारा प्रक्रिया मशीन आधारित हो चुका है. मशीन से गेहूं की कटाई का खर्च में 15 सौ रुपये प्रति बीघा काफी महंगा साबित हो रहा है. फसल की जुताई ट्रैक्टर से, खाद-बीज भी खरीद कर ही देना पड़ता है, सिंचाई भी मशीन से होता है. फसल की बुआई से लेकर कटाई व थ्रेशिंग तक सब काम मशीन आधारित ही है. जिससे गेहूं का फसल भी नगदी फसल का श्रेणी ले लिया है. वहीं बहुत किसानों को खेत भी नगद पट्टा पर लेना पड़ता है. मजदूरों के पलायन से गेहूं व अन्य फसलों का सभी काम में मशीन का सहारा लेना पड़ रहा है. बताया गया कि अब सिर्फ खेती के आमदनी से कृषि कार्य को आगे बढ़ाना मुश्किल काम हो गया है. इससे छोटे व मझौले किसान कृषि कार्य से बाहर होने के कगार पर पहुंच गये हैं. वहीं वैसे किसान जो दूसरे मद से कृषि कार्य में पूंजी लगाने में सक्षम हैं, वही किसानी में टिके रह सकेंगे.
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