लखीसराय. छोटी मां दुर्गा स्थान पुरानी बाजार लखीसराय के प्रांगण में महा अष्टमी के अवसर पर मंगलवार होने के कारण भव्य महा आरती का आयोजन 11 ब्राह्मणों के शंख ध्वनि के साथ किया गया. जिसमें बनारस के श्री केशव आचार्य जी, यजमान अभिनंदन कुमार, रोशन कुमार पांडे, विनय पांडे, रवि शंकर पांडे, गणेश कुमार मिश्रा, राजेश कुमार मिश्रा, रोशन कुमार पांडे के साथ मिलकर मंत्रोच्चारण के साथ मां गौरी की भव्य आरती की गयी. इस महा आरती में माता के महा भोग लगा 51 किलो काजू बर्फी का वितरण किया गया. सचिव सुरेश ड्रोलिया ने बताया कि सप्तमी के दिन बेल भरनी के बाद देवी को मंदिर प्रांगण में लाया जाता है और यही से दुर्गा पूजा का आध्यात्मिक शुरुआत माना जाता है. अध्यक्ष बासुकीनाथ ने बताया कि बेल भरनी के बाद भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक दुर्गा अनुष्ठान भक्तजनों का समर्पण और देवी की कृपा प्राप्त करने का साधन होता है, उसके बाद मंदिर प्रांगण में मां का आवाह्न कर भक्त जनों के लिए मां का पट खोल दिया जाता है. संयुक्त सचिव अरविंद कुमार सोनी ने बताया कि आज से दो दिन चलने वाला यह त्योहार माता का दिव्य दर्शन भक्त जनों को प्राप्त होता है. पूजा समिति के कृष्ण मुरारी ने बताया कि महाष्टमी के अवसर पर हर वर्ष भव्य महा आरती का आयोजन होता है. जिसमें माता का भोग के रूप में जो प्रसाद चढ़ाया जाता है उसे मंदिर परिसर में आने वाले सभी भक्तजनों के बीच वितरित कर दिया जाता है. इस अवसर पर हजारों हजार लोग माता का महाप्रसाद ग्रहण करते हैं. किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट में मां दुर्गा की दी गयी पुष्पांजलि खिचड़ी चोखा एवं पूरी भाजा का लगाया गया भोग लखीसराय. किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट परिसर में बंगाल पद्धति से दूसरे दिन बुधवार को भी महा अष्टमी को बंगाल पद्धति से पूजा अर्चना की गयी. पूजा समिति के रविकांत यादव ने बताया कि इस दौरान मां दुर्गा महा अष्टमी को दोपहर को खिचड़ी चोखा का भोग लगाया गया. वहीं शाम को खीर का भी भोग भी लगाया गया. अष्टमी के दोपहर मां को पुष्पांजलि अर्पित भी किया गया. पुष्पांजलि के दिन बंगाल के जुलु बनर्जी, डॉ भट्टाचार्य के परिजन आदि भी शामिल हुए. बंगाल पद्धति से पूजा अर्चना गया संस्कृत महाविद्यालय के आचार्य द्वारा कराया जाता है. जिसमें मंदिर के स्थानीय पुजारी के द्वारा भी सहयोग किया जाता है. किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट परिसर में मां दुर्गा के दर्शन के लिए चानन, सूर्यगढ़ा प्रखंड एवं गढ़ी बिशनपुर, वृंदावन समेत अन्य क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं. पूजा समिति में आयोजक नवल कुमार, सुरेश सिंह, अरुण कुमार, रविकांत यादव, राम ईश्वर यादव, मानो पंडित, बीपी मंडल, रतन मंडल की महती भूमिका रही.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

