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किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट परिसर में बंगाल पद्धति से दुर्गा पूजा प्रारंभ

किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट में सोमवार यानि सप्तमी पूजा से बंगाल पद्धति से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना शुरू कर दिया जाता है. सप्तमी के दिन मां को खिचड़ी चोखा का भोग लगाकर लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है.

दोपहर को खिचड़ी चोखा का लगाया गया मां को भोग, शाम को पूरी भाजा से लगाया भोग

लखीसराय. किऊल रेलवे इंस्टीट्यूट में सोमवार यानि सप्तमी पूजा से बंगाल पद्धति से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना शुरू कर दिया जाता है. सप्तमी के दिन मां को खिचड़ी चोखा का भोग लगाकर लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है. वहीं शाम को आलू गोभी का भाजा एवं पूरी बनाकर मां को भोग लगाया जाता है. यह परंपरा वर्षों से होते आया है. वहीं मा को पुष्पांजलि भी दी जाने की भी परंपरा है. गया के पुरोहित द्वारा इस मंदिर में पूजा अर्चना कराया जाता है. पूजा आयोजक नवल कुमार ने बताया कि सप्तमी से लेकर नवमी तक मां को खिचड़ी चोखा, पूरी भाजा को भाग लगाने की परंपरा है. यह मंदिर निर्माण बंगाली रेल कर्मियों के द्वारा तैयार किया गया. बंगाली पद्धति से मंदिर निर्माण के साथ ही अब तक पूजा पाठ किया जाता है.

कालरात्रि का किया गया पूजा पाठ, मां के सातवां रूप है मां कालरात्रि

बेलभरनी को लेकर निकाला गया शोभायात्रा जुलूस, जुलूस में हाथी घोड़ा रथ आदि किया गया शामिल

सभी मंदिरों से निकला बेल भरनी का शोभा यात्रा, पहले से तय किया गया था शोभा यात्रा का रूट चार्ट

बेलभरनी शोभा यात्रा को देखने सड़कों पर उमड़ी लोगों की भीड़

लखीसराय. मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा-अर्चना के साथ ही शहर के सभी दुर्गा मंदिरों से बेल भरनी शोभायात्रा निकाली गयी. शोभा यात्रा के दौरान भक्त रंगीन धोती रंगीन कुर्ता एवं चुनरी ओढ़कर बेल भरनी शोभायात्रा में शामिल हुए. वहीं शोभा यात्रा में हाथी, घोड़ा, रथ एवं बसहा बैल पर भोले बाबा सवार, दुर्गा मां के रूप में युवतियां शामिल की गयी थी. शोभा यात्रा को अपने अपने पुराने रूट के अनुसार ही ले जाया गया. शोभा यात्रा अलग-अलग ढोल बाजे की धुन के साथ आगे बढ़ रही थी. शोभा यात्रा की भीड़ को लेकर विद्यापीठ चौक पर छोटे वाहनों के भी प्रवेश पर रोक लगा दिया गया था. पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल द्वारा सड़क पर शोभायात्रा को शांतिपूर्ण ले जाने के लिए बैरिकेटिंग कर रखा था. थाना चौक के शिव दुर्गा मंदिर से निकला गया शोभा यात्रा मुख्य सड़क से छोटी दुर्गा स्थान होकर चितरंजन रोड होते वापस मंदिर लौटा. इस दौरान बेल भरनी शोभायात्रा में लाल रंगों के कुर्ता के साथ रंगीन चुनरी-धोती एवं कंधे से लटकता चुनरी के साथ लोग आगे आगे बढ़ रहे थे. वहीं दो लोग छोटा डोली उठाकर आगे बढ़ रहे थे. बेल भरनी को लेकर सोमवार को नया बाजार दालपट्टी स्थित बड़ी दुर्गा स्थान व छोटी मां दुर्गा स्थान पुरानी बाजार के पूजा समिति पदाधिकारी व सैकड़ों कार्यकर्ताओं की देखरेख में विद्वान ब्राह्मणों के शंख ध्वनि के साथ हजारों भक्तजन के साथ हाथी-घोड़ा पालकी, रथ, ढोल भांगड़ा, आसनसोल पश्चिम बंगाल का बैंड पार्टी के साथ तरह-तरह के नृत्य समूह, अलग-अलग गाड़ियों में शेर पर सवार मां दुर्गा की मूर्ति बसहा बैल पर सवार शिवाजी, नरमुंड पर विराजमान काली जी और कई प्रकार की झांकियां एवं लाइट के साथ तथा विभिन्न प्रकार के शिव तांडव, गणेश स्त्रोत, देवी स्तुति साथ में विभिन्न प्रकार के नृत्य समूह, भगवा झंडा, पटाखे फूल गुलाल के साथ माता की डोली को लेकर मंदिर प्रांगण से बेल भरनी लिए भव्य शोभा यात्रा निकाला गया. छोटी दुर्गा मंदिर प्रांगण से शोभायात्रा पुरानी बाजार चितरंजन रोड होते हुए प्रभात चौक से गुजरते हुए मुख्य मार्ग से शहीद द्वारा होते हुए पचना रोड चौक पर बड़ी दुर्गा माता के मिलन स्वागत के बाद पचना रोड होते हुए संसार पोखर पहुंचा. इस बीच जगह-जगह भक्तजनों के द्वारा शोभायात्रा पर पुष्प वर्षा की गयी. भारत माता कमेटी पुरानी बाजार द्वारा भक्तजनों के लिए शीतल पेय की व्यवस्था की गयी. आचार्य ने बताया कि बेल भरनी के बाद भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक दुर्गा अनुष्ठान भक्तजनों का समर्पण और देवी की कृपा प्राप्त करने का साधन होता है. उसके बाद मंदिर प्रांगण में मां का आवाहन कर भक्त जनों के लिए मां का पट खोल दिया जाता है.

दुर्गा पूजा को लेकर किया गया फ्लैग मार्चप्रतिनिधि, हलसी. प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत सोमवार को हलसी थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन के नेतृत्व में एसएसबी एवं पुलिस बल ने दुर्गा पूजा के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए फ्लैग मार्च किया. फ्लैग मार्च हलसी, वहरावां, गेरुआ पुरसंडा, खैरमा, सैठना, हलसी, प्रतापपुर, नोमा, तरहारी, बहछा में निकाला गया. इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने पंडालों का निरीक्षण कर समितियों को शांति एवं सद्भाव बनाये रखने का निर्देश दिया. साथ ही ग्रामीणों से अपील किया कि किसी भी उपद्रव या घटना की सूचना तुरंत सूचना प्रशासन को दें, जिस पर तुरंत कार्रवाई की जायेगी. वहीं हुड़दंगियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गयी. वहीं सभी पूजा पंडाल में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य है.

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