चानन. प्रखंड के सभी मंदिरों में सोमवार को बेल भरनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मननपुर बाजार में बेल भरनी कार्यक्रम को लेकर प्रखंड प्रमुख रंजू देवी, उनके प्रतिनिधि दिनेश यादव, उपप्रमुख शिव नंदन बिंद, पंचायत समिति सदस्य निरंजन पासवान, पंचायत समिति सदस्य बेबी देवी, सत्यनारायण दास, बजरंगी साव, पूजा समिति के अध्यक्ष रामानंद प्रसाद वर्मा, लखेंद्र वर्मा सहित अन्य भक्तों द्वारा हरी झंडी दिखा कर बेल भरनी में शामिल श्रद्धालुओं को रवाना किया गया. मौके दिनेश यादव ने कहा कि भक्ति में इतनी शक्ति होती है कि भगवान को खुद अपने भक्तों का सभी दुखों से रक्षा करते हैं. उन्होंने कहा कि इस मेले को सफल बनाने में सभी का सहयोग जरूरी है. इस अवसर पर श्रीनिवास वर्णवाल, अरविंद प्रसाद वर्मा, सोहन गुप्ता, रामावतार साव, बजरंगी साव, बौधू राम, बमबम यादव, श्रीराम वर्णवाल, अजीत लहरी, भुनेश्वर यादव श्रीकांत यादव सहित अन्य श्रद्धालु गण उपस्थित थे. परिवारिक सुख शांति के लिए भगवती की आराधना लखीसराय. जिले के बड़हिया प्रखंड के टाल, दियारा व नगर परिषद क्षेत्रों में महिलाओं ने भगवती को खुश करने को लेकर सोमवार को परिवारिक सुख शांति, संपत्ति,आरोग्य, खुशी को लेकर अपने घरों में पवित्र पूर्वाह्न खरना व्रत की. इस दौरान आये हुए श्रद्धालु व अतिथियों को प्रसाद दिये, वहीं प्रसाद ग्रहण के बाद आशीर्वाद प्राप्त की. बताते चलें कि जिस तरह महिलाओं द्वारा छठ पर्व चार दिवसीय अनुष्ठान व्रत कर भगवान उदयभान एवं अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न कर भागवान भास्कर को खुश करती है, उसी प्रकार भगवती यानि माता दुर्गा जी को पारिवारिक सुख शांति, खुशी संपत्ति आरोग्य को लेकर महिलाओं चार दिवसीय अनुष्ठान व्रत करती है. जिसमें नहाय खाय कर अंतिम दिन पूजन कर समाप्त करती है, ताकि भगवती की कृपा परिवार पर बने रहे. यह पर्व नौ यात्रा के छठा पूजन से महिलाओं द्वारा प्रारंभ की जाती है, जिसको लेकर सोमवार को खरना व्रत को लेकर बड़हिया बाजार के किराना दुकानों में व्रतियों के परिवारों द्वारा प्रसाद को लेकर चावल, रावा भिठ्ठा, पंचमेवा, पान कसेली धूप अगरबत्ती दूध की खरीदारी किया शाम ढलते ही महिलाओं भगवती गीत के बीच खरना व्रत की. मां जगदंबा के मुख्य पुजारी ने बताया कि छठ पर्व में भगवान भास्कर एवं नवरात्रि में भगवती यानि माता को तीन दिवसीय अनुष्ठान व्रत रखा जाता है, जिससे पारिवारिक सुख शांति संपत्ति आरोग्य बना रहे, इस व्रत को दशाई व्रत भी बोला जाता है. ——————————————
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