लखीसराय. जिले के चानन प्रखंड के चुरामनबीघा गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय चुरामनबीघा के प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई करने व स्थानांतरण की मांग को लेकर डीएम को आवेदन सौंपा है. ज्ञापन में ग्रामीणों ने कहा कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय चुरामनबीघा के प्राचार्य महेंद्र दास द्वारा विद्यालय का संचालन सफलतापूर्वक नहीं किया जा रहा है, यहां की शैक्षणिक माहौल खराब और बद से बदतर है. इनके द्वारा स्कूली बच्चों को गलत शिक्षा दी जाती है, जिससे बच्चों का भविष्य बर्बाद और अंधकारमय किया जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि गत एक जनवरी 2025 को विद्यालय शिक्षा समिति द्वारा भी आवेदन दिया गया था. आवेदन डीपीओ स्थापना, डीईओ व बीडीओ को दिया गया था. जिसमें प्राचार्य द्वारा विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष व सचिव का फर्जी हस्ताक्षर कर राशि का गबन भी किया गया. वहीं गत 18 दिसंबर 2024 को बिना भीएसएस की बैठक का गलत तरीके से शिक्षक अनिल कुमार के विरूद्ध शिक्षा विभाग को दिया गया था जबकि भीएसएस की कोई बैठक विद्यालय शिक्षा समिति द्वारा नहीं हुई थी. फर्जी हस्ताक्षर करके आवेदन शिक्षा विभाग को दिया गया था, जिसकी पुष्टि विद्यालय शिक्षा समिति और पंचायत समिति द्वारा भी की गयी. जिसकी शिकायत पर 30 जनवरी 2025 को बीइओ चानन व बीआरपी द्वारा उक्त विद्यालय का निरीक्षण किया गया, जिसमें शैक्षणिक माहौल खराब, विद्यालय स्थिति बद से बदतर और वित्तीय अनियमितता पायी गयी थी. निरीक्षण के पश्चात बीइओ द्वारा विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव व ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया कि प्राचार्य महेंद्र दास और वहां की विशिष्ट शिक्षिका को निलंबित की जायेगी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. ग्रामीणों ने डीएम से दिये गये आवेदन के आलोक में प्राचार्य व व विशिष्ट शिक्षिका के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई या स्थानांतरण करने की मांग की, ताकि यहां के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय होने के बजाय उज्जवल हो सके. इस संबंध में प्राचार्य महेंद्र दास ने कहा कि वे अभी विद्यालय में नहीं है, और विशेष बिंदु पर कुछ भी बोलने से कतराते रहे.
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