सप्तमी पर श्रद्धालुओं ने ढोल-बाजे के साथ बेल भरनी पूजा की
माता को डोली में लाया गया प्रतिमा स्थल
यह पूजा ननद-भौजाई के मिलन का बताया जाता है प्रतीक
हलसी. प्रखंड मुख्यालय स्थित मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर नोमा में सोमवार को नवरात्रि की सप्तमी पर ढोल-बाजे के साथ श्रद्धालु बेल भरनी पूजा कर माता को डोली में लेकर प्रतिमा स्थल पर लाये. इस दौरान माहौल जय मां दुर्गे के नारों से गुंजायमान हो रहा था. इसके पूर्व गाजा-बाजा के साथ माता बेल भरनी का षष्ठी को आमंत्रण देने के बाद सप्तमी को माता दुर्गा को प्रतिमा स्थल पर लाया गया. माना जाता है कि पारिवारिक रिश्तों के पवित्र बंधन का संदेश बेल भरनी पूजा देती है. इस पूजा से ननद व भौजाई का मिलन होता है. इस पूजा को लेकर मंदिर परिसर में विशेष चहल-पहल देखी गयी. मान्यता है कि गांव के रक्षार्थ मां दुर्गा बेटी के रूप में बेल वृक्ष पर वास करती हैं. जबकि शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा बहु के रूप में आती हैं. ननद व भौजाई का मिलन बेल भरनी पूजा के माध्यम से होता है. रिश्तों की मर्यादा के तहत ननद मां दुर्गा को षष्ठी में आमंत्रित किया जाता है, फिर सप्तमी को गाजे-बाजे के साथ डोली में लेकर माता को प्रतिमा स्थल पर लाया जाता है. वहीं पंडित गुलशन कुमार पांडेय ने बताया कि नवरात्र में बेल पूजन का अलग ही महत्व होता है. बेल भरनी माता का निर्माण बेल, धान की बाली, अनार व केला पत्ता से किया जाता है. इनकी पूजा-अर्चना एवं इनके सम्मुख शुद्ध घी का दीपक जलाने से सुख व समृद्धि प्राप्त होती है. वहीं हलसी प्रखंड में नोमा, बहछा, प्रतापपुर, हलसी, तरहारी, मतासी, सेठना, खैरमा एवं वहरावां में इन पूजा स्थलों पर माता की आराधना के लिए भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. बेल भरनी पूजा पर भी भारी संख्या में महिला श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया और माता को सम्मान डोली पर लाकर पूजा स्थलों पर विराजमान किया गया. मौके पर पूजा समिति के सुधीर सिंह, चंद्र भूषण सिंह, विनोद सिंह, रजनीश कुमार, संजीव कुमार सिंह, कृष्ण मुरारी सिंह, कुमोद सिंह, विनोद सिंह, मिथिलेश पांडेय एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे.——————————————————————————————————————–
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