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बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में यातायात सेवा बहाल

जलस्तर में गिरावट . सामान्य हो रहा है बाढ़ प्रभावित लोगों का जीवन, लौटने लगे घर बाढ़ प्रभावित इलाकों से जलस्तर का गिरावट जारी है. लाइफ लाइन कहलाने वाली सड़क सेवा बहाल हो जाने से समस्याओं का स्वयं भी मुकाबला संभव है. लखीसराय : ले स्थित बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाढ़ के पानी का लगातार […]

जलस्तर में गिरावट . सामान्य हो रहा है बाढ़ प्रभावित लोगों का जीवन, लौटने लगे घर

बाढ़ प्रभावित इलाकों से जलस्तर का गिरावट जारी है. लाइफ लाइन कहलाने वाली सड़क सेवा बहाल हो जाने से समस्याओं का स्वयं भी मुकाबला संभव है.
लखीसराय : ले स्थित बाढ़ प्रभावित इलाकों से बाढ़ के पानी का लगातार गिरावट जारी है, जिससे बाढ़ ग्रसत इलाकों में अब सड़क यातायात की सेवा बहाल हो गया है. यातायात सेवा बहाल होते ही पडि़त परिवार के लाइफ लाइन बेहतर होने लगे हैं. उपरोक्त बातें जिलाधिकारी ने गुरुवार को अपने कार्यालय कक्ष में अधिकारियों के साथ आपदा राहत पर मंत्रणा के दौरान व्यक्त की. जिलाधिकारी ने प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि आवागमन का चालू हो जाने से पानी से पूर्णत: घिरे लोगों की लाइफ लाइन चालू हो गया. उन्होंने कहा कि लाइफ लाइन कहलाने वाली सड़क सेवा बहाल हो जाने से समस्याओं का स्वयं भी मुकाबला संभव है. उन्होंने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से हुई क्षति की भरपाई धन-दौलत से नहीं की जा सकती.
उन्होंने कहा कि सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित खुटहा पश्चिमी एवं पूर्व में जलस्तर का गिरने से लोगों के जीवन सामान्य होने लगे हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि जिले को महामारी एवं संक्रमण के प्रकोप से हरहाल में बचाया जायेगा. उन्होंने बताया कि पीएचइडी विभाग की ओर से अब तक 40 हजार हेलोजेन टेबलेट्स पीडि़त इलाकों में वितरित किये गये हैं. वहीं 150 किलो ब्लीचिंग पाउडर, गमैक्सीन व केरोसिन तेल का संभावित स्थानों पर मोटरवोट से छिड़काव किया जा रहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 12 नये चापाकल गड़वाये गये हैं तो 4 चापाकलों के मरम्मती कार्य संपन्न कर दिये गये हैं . उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित सूर्यगढ़ा, पिपरिया, बड़हिया एवं लखीसराय में कुल 21 स्वास्थ्य केंद्रों पर बीमार लोगों का प्राथमिक उपचार किया गया है. उन्होंने कहा कि करारी पिपरिया, दियारा पिपरिया एवं तेरासी गांवों की भी बाढ़ से स्थिति पूर्णत: चिंताजनक बनी थी. बावजूद अब सभी प्रभावित क्षेत्रों में नये सिरे से जनजीवन बहाल होने लगे हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि जिला स्थित संचालित कुल 23 राहत शिविर में कुल 13064 लोगों को शरण दिया गया हैं. उन्होंने बताया कि तमाम बाढ़ पीडि़तों के बीच आरटीजीएस के माध्यम से प्रति परिवार छ: हजार रुपये की सहायता राशि उनके बैंक खाता में दिये जायेंगे. इसके अलावे बरतन, वस्त्र एवं पांच-पांच किलो चावल, एक किलो दाल, दो किलो आलू व अन्य सामग्रियों के पैकेट भी पडि़त परिवार को मुहैया करवाये जायेंगे. उन्होंने किसानों को उनकी फसल क्षतिपूर्ति की अनुमानित राशि भी शीघ्र भुगतान करने का भी एलान किया. जिलाधिकारी ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा में मौत के शिकार हुए लोगों को आपदा प्रबंधन के अनुसार पर्याप्त सहायता राशि के चेक भुगतान किये जायेंगे. इस बीच किसानों एवं पशुपालकों के पशुओं के चारा एवं अन्य सुविधाओं को भी समुचित तरीके से वाजिब लाभुकों तक मुहैया करवाये जा रहे हैं. जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा राहत के कार्य को माननीय सहानुभूति के साथ प्रभाति लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन कटिबद्ध है. मंत्रणा के दौरान उपविकास आयुक्त रमेश कुमार, अनुमंडलाधिकारी अंजनी कुमार, ओएसडी राजेश कुमार, डीसीएलआर प्रभात चंद्र,, एसडीसी मुकेश कुमार, डीपीएम मो खालिद हुसैन सहित कई अन्य लोग भी मौजूद थे.

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