बाढ़ . रात में जलस्तर गिरा, दिन में फिर बढ़ने लगा
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बढ़ता ही जा रहा है संकट
बाढ़ . रात में जलस्तर गिरा, दिन में फिर बढ़ने लगा विद्यापीठ से पिपरिया जाने वाली सड़क का हो रहा बाढ़ के पानी से कटाव व डीह पिपरिया गांव में नाव से मवेशी के लिए चारा लाते ग्रामीण. परेशानी हाे तो हमें बतायें : डीएम जिलाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि लोगों के भावनाओं के […]
विद्यापीठ से पिपरिया जाने वाली सड़क का हो रहा बाढ़ के पानी से कटाव व डीह पिपरिया गांव में नाव से मवेशी के लिए चारा लाते ग्रामीण.
परेशानी हाे तो हमें बतायें : डीएम
जिलाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि लोगों के भावनाओं के अनुरूप लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया और राहत कार्य चलाया भी जा रहा है़ यदि कहीं से शिकायत मिलती है उन्हें सीधे कहा जाय.
लखीसराय : जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों के लिए संकट अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है़ जहांसोमवार की रात से गंगा समेत हरुहर एवं किऊल नदी का जलस्तर में कमी आनी शुरू हुई थी और लोगों में आस जगी थी कि अब नदियों के शांत होने उनलोगों को राहत मिलेगी, लेकिन मंगलवार की दोपहर बाद से पुन: गंगा मइया अपना तांडव दिखाना शुरू कर अपना जलस्तर बढ़ाने लगी. जिससे एक बार फिर क्षेत्र के लोग दहशत में जीने को मजबूर हो रहे हैं.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र की महिलाएं गंगा मइया से शांत होने की गुहार लगाने शुरू कर दी है कि हे गंगा मइया अब उनके और उनके परिवार की जिंदगी के साथ खेलना बंद करे और शांत हो जाय. महिलाएं अपने-अपने घर की छत पर से दीप जलाकर गंगा मैया की आरती कर उससे शांत होने की गुहार लगा रही हैं.
एक ओर जहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोग भगवान भरासे जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं वहीं प्रशासन की ओर से भी उनतक राहत नहीं पहुंचने से उनके बीच आक्रोश पनपता जा रहा है़ लोगों के अनुसार कुछ एक जगह पर प्रशासनिक राहत दिलाने की बात कह पूरे बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों के साथ क्रुर मजाक किया जा रहा है़ लोगों के अनुसार प्रशासनिक राहत सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया है़
जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान पिपरिया प्रखंड को ही हुआ है जहां के सभी पंचायत बाढ़ की चपेट में हैं. कई गांव तक तो इस समय पहुंचना तक मुश्किल हो चुका है़ लोग ऊंची जगहों पर शरण लिये हुए हैं. हजारों एकड़ जमीन जलमग्न हो जाने से किसानों फसल का पूर्ण रूप से नुकसान हो चुका है़ ग्रामीणों के अनुसार बाढ़ की वजह से सैकड़ों के किसान के मवेशियों का अता पता नहीं चल पा रहा है, और जो मवेशी किसानों के पास हैं उनके लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है़
पिपरिया आने जाने के लिए पूर्व में होने वाले रास्ते में बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हो चुका है़ वहीं बड़हिया प्रखंड एवं नगर परिषद में बाढ़ के बीच लोग जिंदगी जी रहे हैं. एनएच 80 पर पानी बहने की वजह से एनएच को भी खतरा उत्पन्न हो गया है़ एनएच 80 पर हृदनबीघा गांव के पास पुल भी क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में तो बड़हिया प्रखंड के लाल दियारा जाने की रास्ते में पुल के टूट जाने की वजह से लोगों के समक्ष बाढ़ का पानी निकलने के बाद भी आवागमन की समस्या बनी रहेगी़
उधर जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड के रसलपुर बांध के टूटने से प्रखंड के कई गांव जलमग्न हो चुके हैं. वहीं सूर्यगढ़ा प्रखंड के समीपवर्ती बेगूसराय जिले के शाम्हो प्रखंड के वजन टोला में मंगलवार को बाढ़ के पानी में डूबने से धनिक यादव के पुत्र कृष्णनंदन यादव (50 वर्ष) की मौत हो गई है़ वे अपने बथान पर जानवर को चारा देने जा रहे थे कि अचानक गहरे पानी में चले जाने से उसकी मौत हो गई है़
भगवान भरोसे दिन काट रहे पीड़ित
24 घंटे सतर्क रहने की हिदायत
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में सैकड़ों मवेशियों का नहीं चल रहा पता
चारा के अभाव में दम तोड़ रहे मवेशी
सूर्यगढ़ा के समीपवर्ती बेगूसराय के प्रखंड शाम्हों में बाढ़ के पानी में डूबने से अधेड़ की मौत
प्रशासनिक प्रयास पर्याप्त नहीं
अभी राहत व बचाव कार्य प्राथमिकता : मंत्री
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