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प्लस टू वद्यिालयों में नहीं शुरू हो पायी पढ़ाई

प्लस टू विद्यालयों में नहीं शुरू हो पायी पढ़ाई बड़हिया. बड़हिया नगर व प्रखंड के लगभग उच्च विद्यालयों को प्लस टू में अपग्रेड कर दिया गया. मगर शिक्षक व संसाधन के अभाव में प्लस टू की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बड़हिया नगर स्थित श्री रामजानकी रामधन सिंह कन्या उच्च विद्यालय में प्लस टू […]

प्लस टू विद्यालयों में नहीं शुरू हो पायी पढ़ाई बड़हिया. बड़हिया नगर व प्रखंड के लगभग उच्च विद्यालयों को प्लस टू में अपग्रेड कर दिया गया. मगर शिक्षक व संसाधन के अभाव में प्लस टू की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बड़हिया नगर स्थित श्री रामजानकी रामधन सिंह कन्या उच्च विद्यालय में प्लस टू लिये भवन बना दिये गये. कुछ उपस्कर की खरीद भी हो चुकी है. मगर शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है. श्री रामोतार सिंह उवि को भी अपग्रेड कर भवन निर्माण करा कर कुछ उपस्कर की खरीद हो चुकी है. शिक्षकों की कमी के साथ संसाधन का अभाव रहने से पढ़ाई बाधित है. देवव्रत मालती रामाश्रय ज्ञान भारती उवि को भी अपग्रेड कर भवन निर्माण हो चुका है. मगर शिक्षक के अभाव में पढ़ाई नहीं हो पा रही है. जिला के सबसे प्राचीन राजकीयकृत उवि बड़हिया को सबसे अंत में अपग्रेड किया गया. इसके अनेक राजनीतिक कारण गिनाये जा रहे हैं. उवि बड़हिया कागज पर अपग्रेड हो चुका है. मगर इसके भवन का निर्माण तक नहीं हुआ है. शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई बाधित है. बड़हिया के ग्रामीण अंचल में उवि जैनपुर, उवि खुटहाडीह, उवि सदायबीघा व उवि वीरूपुर को भी अपग्रेड कर दिया गया है व भवन निर्माण कार्य करा कर उपस्कर की राशि दे दी गयी है. मगर शिक्षक का घोर अभाव रहने के कारण विधिवत पढ़ाई नहीं हो पा रही है. विद्यालय प्रधान से जब इस आशय की शिकायत की जाती है तो शिक्षक की कमी का रोना रो कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं व कहते हैं कि जिला शिक्षा पदाधिकारी से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा प्रयास किया जा रहा है. शिक्षक बहाली की प्रक्रिया ऊपरी आदेश के तहत किया जा रहा है. जल्द व्यवस्था होने की संभावना है. अभिभावक शंभु सिंह, गणेश सिंह, सुधीर मंडल आदि ने कहा कि प्रत्येक वर्ष शिक्षक की व्यवस्था होने का आश्वासन दिया जाता है. परंतु शिक्षक पदस्थापित नहीं हो पा रहे हैं. दुखद पहलू यह है कि बड़हिया में बद्री नारायण मुक्तेश्वर महाविद्यालय अंगीभूत इकाई है. मगर महाविद्यालय के आधे से अधिक विषयों में एक भी प्राध्यापक वर्षों ने नहीं है.छात्र-छात्राओं का भविष्य स्व अध्याय पर निर्भर कर रहा है.

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