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निर्देश के बाद भी सड़क पर दौड़ रहीं सिंगल दरवाजे वाली बसें

बस संचालक सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर बसों का परिचालन करा रहे हैं. लखीसराय : शहर के मुख्य पथ हो या फिर एनएच 80. सड़कों पर सवारी गाड़ी एवं माल ढुलाई करने वाले वाहन के चालक रोज परिवहन विभाग की धज्जियां उड़ा रहे हैं. परिवहन विभाग द्वारा जारी किये गये फरमान पर चालकों की तनिक […]

बस संचालक सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर बसों का परिचालन करा रहे हैं.
लखीसराय : शहर के मुख्य पथ हो या फिर एनएच 80. सड़कों पर सवारी गाड़ी एवं माल ढुलाई करने वाले वाहन के चालक रोज परिवहन विभाग की धज्जियां उड़ा रहे हैं. परिवहन विभाग द्वारा जारी किये गये फरमान पर चालकों की तनिक भी चिंता नहीं होती है. यही कारण है कि जिला परिवहन विभाग बसों में दो दरवाजा रखने का निर्देश दिया था, लेकिन उक्त निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है. बसों में सुरक्षा की दृष्टि के लिये दो दरवाजा रखने का निर्देश दिया गया. खास कर स्कूली बसों में तो दो दरवाजा रखने का सख्त निर्देश था. अब तक किसी स्कूल बस में दो दरवाजा नहीं देखा जा रहा है. वहीं पैसेंजर सर्विस बस में दो डोर रखना अनिवार्य है. बस चालक के टालमटोल रवैया से जिला प्रशासन भी काफी चिढ़े हैं.
बस में दो दरवाजा नहीं रखने को लेकर जिला प्रशासन की भी चिंता बढ़ी है. परिवहन विभाग के आदेश का उल्लंघन सिर्फ सवारी छोटी-बड़ी बस चालक द्वारा ही नहीं की जा रही है. इसके साथ ही अधिकांश सावारी बसों सुरक्षा के लिहाज से अग्निशमन उपकरणों का अभाव दिखाई पड़ता है़ कुछ महीने पूर्व तात्कालीन परिवहन पदाधिकारी एवं एसडीओ द्वारा बसों में सुरक्षा मानकों को लेकर चेतावनी जारी भी की गयी थी लेकिन पदाधिकारियों के आदेश का कोई असर नहीं पड़ा और आज भी बस संचालक सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर बसों का परिचालन करा रहे हैं.
ओवरलोड के साथ ही बिना तिरपाल के ढुलाई की जा रही सीमेंट व बालू
परिवहन नियमों की अवहेलना माल ढुलाई करने ट्रक एवं ट्रैक्टर के चालकों द्वारा भी किया जा रहा है. एन एच 80 सहित अन्य सड़कों पर ओवरलोड ट्रक, ट्रैक्टर भी दौड़ रहे है. वाहन मालिक संजीव चौधरी, मनोज सिंह, धनंजय सिंह एवं मंटू सिंह जैसे कई वाहन मालिक ने बताया कि एक ओर जहां बालू खनिज जैसी संपदा बंद कर वाहन के द्वारा की जाने वाली कमाई बंद कर दी गयी है. ऊपर से जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा कानून नियमों का बोझ डाल दिया गया है. वहीं रेलवे यार्ड से गोदाम तक सीमेंट बिना तिरपाल का ढोया जाता है.
इससे सड़क पर दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है. खुले में सीमेंट का ढोये जाने के कारण वाहन दुर्घटना का भय बना रहता है. आश्चर्य की बात तो यह है कि शहर थाना होकर बिना तिरपाल के खुले में ट्रैक्टर द्वारा सीमेंट की ढुलाई होती है. लेकिन कार्रवाई नहीं की जाती है. हाल ही के दिनों एसडीओ मुरली प्रसाद सिंह द्वारा वाहन के लिए कई नियम को लेकर संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया गया था. लेकिन एसडीओ के एक भी निर्देश का अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया.
बोले अधिकारी
वाहन चालक द्वारा नियमों के पालन नहीं करने की शिकायत लगातार मिल रही है. उन्होंने कहा कि सोमवार या मंगलवार से विशेष अभियान चलाया जायेगा. सबसे पहले स्कूल वाहन की जांच की जायेगी. स्कूल संचालकों को पुन: चेतावनी भी दी जायेगी. जिसके बाद सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि ओवरलोडिंग के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावे वाहन चालकों की अनुमति चेकिंग का भी अभियान छेड़ा जायेगा. परिवहन अधिनियम की अवहेलना करने वाले चालकों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा.
नीरज कुमार, प्रभारी जिला परिवहन पदाधिकारी

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