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बिहार में बाढ़ हुआ विकराल, फिर से बढ़ने लगा कोसी का जलस्तर, दर्जनों गांवों में घुसा पानी

नेपाल में बारिश होने की वजह से कोसी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा था. हालांकि शनिवार दोपहर के बाद जलस्तर कुछ कम हुआ. शनिवार शाम 06 बजे कोसी बराज पर 02 लाख 36 हजार 505 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया. वही पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर संख्या 64.95 पर नदी का दबाव बना है.

सुपौल. नेपाल स्थित जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश के बाद कोसी नदी के जल स्तर में बढ़ोतरी हुई है. हालांकि शनिवार दोपहर के बाद पानी घटने लगा है. बावजूद अभियंता व प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट मोड में हैं. शुक्रवार की रात 04 लाख 14 हजार क्यूसेक पानी आने के बाद सभी चिंतित नजर आने लगे. लेकिन पानी घटने के बाद सभी ने राहत की सांस ली. शनिवार शाम 06 बजे कोसी बराज पर 02 लाख 36 हजार 505 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया. वही पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर संख्या 64.95 पर नदी का दबाव बना है.

पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर पर बना है दबाव, फ्लड फाइटिंग का कार्य जारी

कोसी नदी के दुबारा 56 फाटक खोले जाने के बाद एक बार फिर से लोगों की परेशानी और मुश्किलें बढ़ गयीं. जिले के वीरपुर में नदी का जल स्तर 4.14 लाख क्यूसेक के बाद अब जल स्तर में कमी होने लगी. लगभग 14 घंटे तक जिस प्रकार कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिये गये थे. जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अभियंताओं की सांसें अटकी हुई थीं. शनिवार की सुबह से ही कोसी नदी के जल स्तर में गिरावट होती चली गयी और शाम पांच बजे 2 लाख 36 हजार 505 क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज किया गया. ठीक इसी समय जल अधिग्रहण बराह क्षेत्र का जल स्तर एक लाख 69 हजार 350 क्यूसेक घटते क्रम में दर्ज किया गया और कोसी बराज के 30 फाटक खोले गये हैं.

कोसी बराज पर पूरी रात लगी रही अभियंताओं की गाड़ियां

जल संसाधन विभाग के वीरपुर अंचल के अधीक्षण अभियंता जमील अहमद शुक्रवार की देर रात तक कोसी बराज स्थित कंट्रोल रूम में अधीनस्थ क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता और कनीय अभियंताओं के साथ कैंप करते दिखे. अभियंताओं की गाड़ियां पूरी रात कोसी बराज पर लगी रही. हालांकि एक बार शाम सात बजे का डिस्चार्ज ससमय नहीं मिलने के बाद लोगों में एक बार संशय की स्थिति बनी रही. लेकिन जैसे ही रातः आठ बजे का डिस्चार्ज फ्लेश किया गया. लोगों ने राहत की सांस ली.

स्पर पर बन रहा बढ़ते व घटते जलस्तर का दबाव

शनिवार की सुबह से ही जलस्तर में कमी होने लगी बावजूद कोसी नदी के कई फाटकों के पाये डूबे मिले. वीरपुर कौशकी भवन स्थित जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी अनुसार नदी के नेपाल स्थित कोसी पूर्वी तटबंध के 27.10 और 25.25 किमी स्पर पर बढ़ते और घटते जल स्तर का दबाव बन रहा है. वहीं पूर्वी कोसी तटबंध के 7.85, 16.40 और 22.30 किमी स्पर, 64.95 किमी स्पर, 115.75 किमी स्पर के साथ साथ डलवा कट एंड व 9.35 पर दबाव बना हुआ है.

जान जोखिम में डालकर बाढ़ के पानी से बाहर निकलने में जुटे पीड़ित परिवार

मूसलाधार बारिश के कारण कोसी नदी सहित अन्य नदियां उफान पर है. लिहाज़ा निर्मली अनुमंडल क्षेत्र में कोसी तटबंध के भीतर बसे दर्जनों गांव में बाढ़ से तबाही शुरू हो गई है. लगभग 1000 से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोगों के घर-आंगन व चूल्हे भी डूब गए. शनिवार की शाम तक कोसी तटबंध के भीतर बसे बाढ़ प्रभावित गांव के लोग नाव के सहारे मवेशियों व अन्य जरूरी के सामान के साथ ऊंचे स्थान की ओर पलायन करते दिखे.

कई घरों में घुसा पानी

निर्मली अंचल क्षेत्र के दिघिया, बेला सिंगारमोती, डगामरा व मरौना अंचल क्षेत्र के सिसौनी, घोघररिया पंचायत के दर्जनों गांव में बाढ़ का पानी फैलने से प्रभावित इलाके के लोग सहमे दिखे. घर-आंगन में बाढ़ का पानी घुसने से लोगों की परेशानी काफी बढ़ गई है. इधर मझारी पंचायत के महुआ वार्ड 2 और 3 में बसे लोगों के घरों तक पानी घुस गया है. लोगों के चूल्हे तक पानी घुस गया है. जिससे लोग काफी परेशान है. लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ बेड पर बैठे दिखे. मझारी पंचायत के सरपंच रामानंद यादव ने बताया कि घरों तक पानी घुसने की सूचना अंचलाधिकारी को दी गयी है. उन्होंने बताया कि मझारी पंचायत में 50 से अधिक घरों में पानी घुस गया है. लोग जान जोखिम में डालकर बाढ़ की पानी से होकर ऊंचे स्थान की ओर बढ़ रहे हैं.

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भसिया गांव में महानंदा ने बरपाया कहर, 20 फीट तक हुआ कटाव

बायसी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत श्रीपुर मल्हाह टोली पंचायत के वार्ड नंबर चार भसिया गांव में इस साल महानंदा नदी के कटाव से 6 लोगों का घर नदी में कट चुका है. वहीं कई अन्य लोगों का घर नदी में कटने की कगार पर है .समिति सदस्य मोहम्मद मतीन ने बताया कि इस साल नदी करीब 20 फीट काट चुकी है, जिसमें छह लोगों का घर नदी में कट चुका है और कई लोगों का घर नदी में कटने की कगार पर है. कुछ दिन पहले सरकारी स्तर पर कटाव को रोकने के लिए बांस का बंडाल बनाने के लिए कुछ बांस लगाया भी गया था ,उसके बाद फिर छोड़ दिया गया. अभी सभी बांस नदी में कट चुका है. यदि इसी रफ्तार से कटाव जारी रहा तो बहुत जल्द पूरा भसिया गांव नदी में विलीन हो जाएगा. ग्रामीणों ने प्रशासन से नदी कटाव को रोकने की मांग की है.

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