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मासूम इमाद की खिलखिलाहट: आरबीएसके कार्यक्रम से जन्मजात बहरेपन पर मिली विजय

गरीब परिवार में जन्म लेना अपने आप में कई चुनौतियां लेकर आता है, लेकिन जब कोई बच्चा जन्म से ही सुनने की क्षमता से वंचित हो तो परिवार के सपने और भी भारी लगने लगते हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने हमारे बेटे को नई जिंदगी दी

किशनगंज.गरीब परिवार में जन्म लेना अपने आप में कई चुनौतियां लेकर आता है, लेकिन जब कोई बच्चा जन्म से ही सुनने की क्षमता से वंचित हो तो परिवार के सपने और भी भारी लगने लगते हैं. किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड के कालोगड़ा गांव के 16 माह के इमाद रहमान की कहानी भी ऐसी ही थी. पिता मोजनुर रहमान के लिए यह एक असहनीय पीड़ा थी कि उनका मासूम बेटा जन्म से ही बहरेपन का शिकार है. परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था और इलाज की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी. लेकिन सरकार के राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) ने इस परिवार की जिंदगी में नई रोशनी लाई. आज इमाद के चेहरे पर जो मुस्कान है, वह न केवल उसके माता-पिता की खुशी है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की बड़ी उपलब्धि और आशा की कहानी है.

आरबीएसके ने दिखाई उम्मीद की किरण

आरबीएसके की टीम ने जब गाँव में नियमित जांच की, तो उन्होंने इमाद की समस्या की पहचान कर उसे तत्काल आगे की चिकित्सा के लिए चयनित किया. सरकारी प्रयासों से उसे एम्स पटना भेजा गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उसका सफल ऑपरेशन किया. यह वह क्षण था जिसने पूरे परिवार की तकदीर बदल दी. आज जो बच्चा कभी निःशब्द था, वह अब अपनी खिलखिलाती हंसी से घर-आंगन में रौनक भर रहा है. यह कहानी बताती है कि अगर सरकारी योजनाएं सही तरीके से लागू हों, तो गरीब और वंचित वर्ग के जीवन में चमत्कार हो सकता है.

स्वास्थ्य विभाग ने हमारे बेटे को नई जिंदगी दी

इमाद के पिता मोजनुर रहमान भावुक होकर कहते हैं हम बहुत गरीब हैं. हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि हमारे बेटे का इतना बड़ा ऑपरेशन हो पाएगा. लेकिन स्वास्थ्य विभाग और आरबीएसके कार्यक्रम की बदौलत आज हमारा बच्चा हंस रहा है, खेल रहा है. यह हमारे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं. मैं दिल से सरकार और स्वास्थ्य विभाग को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हमारे बेटे को नई जिंदगी दी.

गरीबों की जिंदगी में नई उम्मीद

सिविल सर्जन, किशनगंज, डॉ. राज कुमार चौधरी ने इस सफलता पर कहा कि इमाद रहमान का केस हमारे लिए प्रेरणादायक है. बिहार सरकार का आरबीएसके कार्यक्रम केवल बीमारी का इलाज नहीं करता, बल्कि गरीब परिवारों के जीवन को बदल देता है. यह योजना उस बच्चे तक पहुंचती है जो निःशब्द पीड़ा में जी रहा होता है और उसे जीवन की असली खुशी लौटाती है. स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य है कि जिले का कोई भी बच्चा चिकित्सा सुविधा से वंचित न रहे.

जिलाधिकारी का संकल्प: हर बच्चे तक पहुंचे स्वास्थ्य सेवा

जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा इमाद रहमान का सफल ऑपरेशन इस बात का प्रमाण है कि सरकार हर बच्चे तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह केवल एक परिवार की कहानी नहीं, बल्कि समाज के लिए संदेश है कि सरकारी योजनाएं गरीब और वंचित वर्ग के जीवन में वास्तविक बदलाव ला सकती हैं. हमारी कोशिश है कि जिले के हर बच्चे को समय पर पहचान और उपचार की सुविधा मिले, ताकि कोई मासूम जिंदगी अपनी मुस्कान से वंचित न रहे.

योजनाओं से असंभव भी संभव

जिला कार्यक्रम प्रबंधक, डॉ. मुनाजिम ने कहा राष्टीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का मकसद है कि जन्मजात बीमारियों और अक्षमताओं से पीड़ित बच्चों की पहचान कर उनका निशुल्क इलाज कराया जाए. इमाद रहमान की कहानी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि अगर सरकार और स्वास्थ्य विभाग मिलकर प्रयास करें तो असंभव दिखने वाली समस्या पर भी विजय पाई जा सकती है. आज इमाद की खिलखिलाहट हम सबके लिए प्रेरणा है. ”

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी उपलब्धि

यह सफलता केवल एक बच्चे की नहीं है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य विभाग की प्रतिबद्धता और समर्पण की कहानी है. RBSK कार्यक्रम ने किशनगंज जिले में सैकड़ों बच्चों को नई जिंदगी दी है और इमाद रहमान उनमें सबसे चमकता हुआ उदाहरण है. डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों और प्रशासन की एकजुट मेहनत ने साबित किया है कि सही समय पर उठाए गए कदम गरीब परिवारों के लिए वरदान बन सकते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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