प्रतिनिधि, किशनगंज
माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में जागरूकता को जनांदोलन बनाने की दिशा में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका कुमारी गुड्डी की पहलें पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गई हैं. हाल ही में आयोजित ईससीई फाउंडेशन एंड लिटरेसी ग्रुप के टॉक शो में तीन विशिष्ट अतिथियों को आमंत्रित किया गया, जिन्होंने छात्राओं और शिक्षिकाओं से सीधे संवाद किया. इस टॉक शो में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी उदय कुमार उज्जवल, यूनिसेफ के वाश ऑफिसर सुधाकर रेड्डी, और राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका कुमारी गुड्डी बतौर अतिथि शामिल हुए. तीनों अतिथियों ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर खुलकर बातचीत की और बच्चियों व शिक्षिकाओं के सवालों का संतोषजनक उत्तर दिया. श्री उज्जवल ने बिहार शिक्षा परियोजना के आगामी योजनाओं की जानकारी साझा की, जबकि श्री रेड्डी ने सहेली कक्षा जैसी पहलों और यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की. शिक्षिका कुमारी गुड्डी ने अपने वास्तविक अनुभवों और अब तक किए गए नवाचारों को साझा कर छात्राओं को प्रेरित किया. कार्यक्रम की मॉडरेशन प्रियंका कुमारी एवं अजीता भटनागर (सीतामढ़ी) ने प्रभावशाली ढंग से की, जबकि तकनीकी सहयोग शिक्षक अभिषेक कुमार का सराहनीय रहा. कार्यक्रम आयोजन की रूपरेखा फाउंडेशनल ग्रुप के संचालक श्री प्रवीण चंद्रा द्वारा बनाई गई थी.भीमराव अंबेडकर छात्रावास में आईसीडीएस टीम के साथ महावारी जागरूकता
इसी क्रम में शिक्षिका कुमारी गुड्डी ने जिला प्रशासन एवं आईसीडीएस टीम के साथ मिलकर भीमराव अंबेडकर छात्रावास में छात्राओं के माध्यम से विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किया. इस अवसर पर डॉ. उर्मिला (सदर अस्पताल), डीपीएम शमीम अंसारी, सुशील झा, शहबाज आलम सहित आईसीडीएस की टीम ने बच्चियों का मार्गदर्शन किया. छात्राओं को न केवल स्वच्छता के प्रति सजग किया गया, बल्कि उन्हें आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता की भावना से भी जोड़ा गया.विद्यालय में तीन दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम: पोस्टर, कविता, गीत प्रतियोगिता और रेड डॉट
चैलेंज
श्रीमती गुड्डी के नेतृत्व में तीन दिवसीय विशेष अभियान का आयोजन उनके विद्यालय में भी किया गया. इस दौरान पोस्टर प्रतियोगिता, गीत एवं कविता पाठ, रेड डॉट चैलेंज, और संवाद सत्र आयोजित किए गए. छात्राओं ने खुले दिल से भाग लिया और माहवारी को लेकर अपने विचार रखे. विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री शहजाद अनवर एवं पूरे विद्यालय परिवार ने इस प्रयास में सहयोग किया.
यह पूरा अभियान जिले में चर्चा का विषय बन गया. विभिन्न माध्यमों से इस कार्यक्रम की खबरें, तस्वीरें और वीडियो भी वायरल हो रहे हैं.शिक्षिका कुमारी गुड्डी ने सिद्ध कर दिया कि अगर एक शिक्षक ठान ले, तो समाज की मानसिकता में भी बदलाव लाया जा सकता है. ऐसे प्रयासों से न केवल बालिकाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर एक नई सोच विकसित होती है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है