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सीमांचल ऊंट तस्करों का सेफ जोन बन चुका है, बहादुरगंज में ऊंट तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा

राजस्थान से तस्करी कर ऊंटों को देश के विभिन्न राज्यों व पड़ोसी देश बांग्लादेश तक भेजा जा रहा है. तस्करी का यह धंधा बकरीद के मौके पर कुर्बानी देने के लिए विशेष तौर पर होता है.

बहादुरगंज.राजस्थान सरकार ने रेगिस्तानी जहाज कहे जाने वाले ऊंट को राजकीय पशु घोषित किया है. राजस्थान के कानून के अनुसार ऊंटों को अस्थायी रूप से भी राजस्थान राज्य की सीमा से बाहर ले जाने पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद राजस्थान से तस्करी कर ऊंटों को देश के विभिन्न राज्यों व पड़ोसी देश बांग्लादेश तक भेजा जा रहा है. तस्करी का यह धंधा बकरीद के मौके पर कुर्बानी देने के लिए विशेष तौर पर होता है. कई राज्यों से होते हुए तस्कर ऊंट ले जाते हैं, लेकिन किशनगंज पुलिस उंट तस्करी को ले काफी गंभीर है. इसीक्रम गुरूवार को बहादुरगंज पुलिस ने एनएच327 ई पर 20 ऊंटों के बरामदगी के बाद इसका खुलासा हुआ है.पशु क्रूरता निवारण अधिनियम एवं राज्य से बाहर ऊंटों को ले जाने के मामले में यह कार्रवाई की गई है.

पश्चिम बंगाल के इस्लाम भेजे जा रहे 20 ऊंट बरामद

बहादुरगंज पुलिस ने यूपी से ट्रक पर लोड कर तस्करी कर लाए जा रहे 20 ऊंटों को एनएच 327 ई पर एलआरपी के पास कार्रवाई करते हुए जब्त कर लिया. उन ऊंटों को छह चक्का ट्रक पर लोड कर लाया गया था. जानकारों की माने तो राजस्थान से बड़ी संख्या में ऊंट की तस्करी बांग्लादेश होती है और इस काम को अंजाम देता है राजस्थान से बांग्लादेश तक फैला ऊंट तस्करों का नेटवर्क. मजबूत नेटवर्क के साथ पिछले एक दशक से ऊंट तस्करों का ये नेटवर्क बड़ी संख्या में किशनगंज के रास्ते ऊंटों को बांग्लादेश पहुंचाने का काम कर रहा है. लेकिन इसी दौरान किशनगंज पुलिस की बहादुरगंज थाना की पुलिस ने एक बड़ी खेप को पकड़ लिया.

पहले भी कई बार ऊंटों की हो चुकी है बरामदगी

राजस्थान से ऊंटों की तस्करी का ये नेटवर्क पिछले एक दशक में गहरी जड़े जमा चुका है. खासकर राजस्थान में लगने वाले पुष्कर मेले के बाद ऊंटों को बड़ी संख्या में अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे तस्करों का समूह इसे समय-समय पर बड़े-बड़े ट्रकों और कंटेनरों में बंद कर सीमांचल के किशनगंज के रास्ते बांग्लादेश पहुंचाते हैं. कहा जाता है अररिया, पूर्णिया और किशनगंज ऊंट तस्करों का सेफ जोन बन चुका है.

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Prabhat Khabar News Desk
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