पौआखाली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना की सड़के निर्माण के बाद ही धंसना टूटना शुरू हो जाता है. उसपर विभाग के अभियंताओं और संवेदकों से पूछने पर जवाब मिलता है कि भारी वाहनों के परिचालन से सड़कें टूट रही है. आखिर तीन और छह महीने के अंदर सड़कों की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है ठेकेदार, विभाग या फिर ओवरलोड परिचालन, यह कौन तय करेगा. दरअसल पौआखाली में एनएच 327 ई दिल्ली रेस्टुरेंट के समीप से काशीबाड़ी टोला होते हुए शेरशाहवादी टोला तक कुल 1.562 किलोमीटर पक्की सड़क जो मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से बनी है. उसके निर्माण कार्य में घोर अनियमितता का आरोप लगने लगा है. 161. 54 लाख की राशि से निर्मित यह सड़क निर्माणकाल के महज तीन महीने के भीतर ही जगह जगह धंस चुका है कई जगह गड्ढे बन आए हैं. सड़क की पिचिंग की गुणवत्ता भी सवालों के घेरे में हैं. गौरतलब है कि सड़क निर्माण के उद्घाटनकर्ता ठाकुरगंज के राजद विधायक सऊद आलम सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं करने की हर सभा में वकालत करते नही थकते, किंतु ग्रामीण सड़कें मुश्किल से छह माह भी सुरक्षित नहीं टिक पा रही है. मामला चाहे हाल ही में बने प्रखंड के मालिनगांव पंचायत के राजगांव में बनी सड़क का हों या फिर डुमरिया पंचायत के पेटभरी गांव से कुकुरमनी जाने वाली सड़कें हो सभी का हाल यही है. वहीं इस संबंध में जदयू नगर अध्यक्ष हबेबुर रहमान ने कहा सड़कों की गुणवत्ता से समझौता कर सरकार को बदनाम किया जा रहा है इस संबंध में जल्द ही डीएम से मिलकर जांच की मांग करेंगे. वहीं संवेदक कुंदन सिंह ने कहा है कि भारी वाहनों के गुजरने से सड़क एक साइड से धंस गई है जिसे जल्द ही ठीक करा लिया जाएगा. वहीं विभाग के कनीय अभियंता मसलन अली ने कहा है कि इसकी जानकारी मिली है सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत को लेकर संवेदक को निर्देश दिया गया है.
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