–एएनएम की निष्ठा, स्वास्थ्य विभाग की रणनीति और सहयोगी संस्थाओं के प्रयास से मिली ऐतिहासिक उपलब्धि
किशनगंजनियमित टीकाकरण को वैश्विक स्तर पर लोक स्वास्थ्य का सबसे मजबूत आधार माना जाता है. यह शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को डिप्थीरिया, टेटनस, मीज़ल्स, पोलियो जैसी 12 से अधिक गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है. भारत सरकार ने इसी महत्व को देखते हुए यू-विन पोर्टल की शुरुआत की है, जिसके माध्यम से टीकाकरण की डिजिटल ट्रैकिंग, रियल टाइम मॉनिटरिंग और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है. इसी दिशा में कार्य करते हुए किशनगंज ने अगस्त 2025 में एक नई उपलब्धि दर्ज की है. पूरे बिहार में यू-विन पर किशनगंज को नम्बर-1 जिला घोषित किया गया है. यह सफलता न केवल स्वास्थ्य विभाग के लिए बल्कि पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है. इस उपलब्धि से यह साबित हुआ है कि योजनाबद्ध रणनीति, तकनीकी सहयोग और जमीनी स्तर पर किए गए अथक प्रयास से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार ने कहा कि किशनगंज का यू-विन पोर्टल पर बिहार में शीर्ष स्थान पर आना पूरी टीम की कड़ी मेहनत का परिणाम है. लेकिन इसमें सबसे बड़ा योगदान हमारी एएनएम का है.सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि सामूहिक प्रयास और जमीनी कार्यकर्ताओं की निष्ठा ने इस सफलता को संभव बनाया है. हम इस उपलब्धि को और आगे बढ़ाकर किशनगंज को राज्य का मॉडल जिला बनाएंगे.
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा कि यू-विन कार्यक्रम में जिला का नम्बर-1 बनना यह दर्शाता है कि जब टीम भावना और ठोस रणनीति के साथ कार्य किया जाए तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता. यह पूरे जिले का गौरव है. एएनएम और स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने कार्य के प्रति ईमानदारी और लगन से यह कर दिखाया.सहयोगी संस्थाओं ने दी मजबूती, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और यूएनडीपी का योगदान
सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और यूएनडीपी जैसी सहयोगी संस्थाओं का भी अहम योगदान रहा. विशेषकर वैक्सीन एवं कोल्ड चेन मैनेजर ने वैक्सीन की आपूर्ति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लगातार फील्ड स्तर पर कार्य किया.सामूहिक प्रयास ही सफलता का आधार
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया कि किशनगंज की यह सफलता न केवल स्वास्थ्य विभाग की बल्कि पूरे जिले की सामूहिक जीत है. यह प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे धरातल पर कार्यरत एएनएम, सहयोगी संस्थाएं और प्रशासन मिलकर जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में मील का पत्थर स्थापित कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अगस्त 2025 में सूबे में शीर्ष स्थान प्राप्त कर जिले ने यह साबित कर दिया है कि अगर आधुनिक तकनीक, योजनाबद्ध रणनीति और फ्रंटलाइन स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत को जोड़ा जाए तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

